रायपुर। महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में आयोजित दो दिवसीय विशेष सत्र के आज पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि गांधी जी ने अहिंसा का जो रास्ता बताया उस पर घर, परिवार व राष्ट्र सबको चलने की आवश्यकता है।
सर्वप्रथम सदन को संबोधित करते हुए डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री दोनों की जयंती है। पिछले सप्ताह मैं दक्षिण अफ्रीका अध्ययन पर था। वहां बापू से जुड़े स्थानों का दर्शन किया। जोहान्सबर्ग में राष्ट्रपिता के सत्याग्रह सदन का अवलोकन किया। ऐसा महसूस हुआ कि मानवता के सबसे बड़े पावन तीर्थ पर खड़ा हूं। मार्टिन लूथर किंग जूनियर, दलाई लामा एवं नेल्सन मंडला जैसे नोबेल पुरस्कार पाने वाले लोगों पर गांधी का बड़ा गहरा असर था। इन्होंने गांधी जी को अपना नेता माना। मार्गदर्शक माना। महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टाइन ने कहा था कि आने वाली पीढ़ी के लिए यह विश्वास कर पाना मुश्किल होगा गांधी जी जैसा कोई व्यक्ति इस धरती पर हुआ था। उनके आदर्श व विचारों पर चलते हुए आज हम यहां विमर्श के लिए मौजूद हैं। गांधी जी ने न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक हिंसा को भी गलत ठहराया था। वे स्पष्टवादिता की मिसाल रहे। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि मैं कोई पहला सत्याग्रही नहीं हूं। भक्त प्रहलाद व सुकरात जैसे महान सत्याग्रही हुए। उन्होंने भगवान बुद्ध व महावीर को अपने जीवन में उतारने की कोशिश की।
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