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अशोका बिरयानी प्रबंधन पर FIR, सभी ब्रांच में ताले, मीडियाकर्मियों से मारपीट, गृहमंत्री ने पीड़ित परिवारों को दिया न्याय का भरोसा

अशोका बिरयानी के सभी ब्रांच के कर्मचारियों ने बार-बार पत्रकारों के सामने कहा कि पुलिस हमारे साथ है और हमारा सपोर्ट कर रही है, हमारा कुछ बिगडऩे वाला नहीं है। ऐसा कहकर पत्रकारों को एहसास कराया जा रहा था कि मुफ्त की बिरियानी में राज्य में सभी को खरीदा जा सकता है। मृतकों के कॉल डिटेल भी निकालना अतिआवश्यक विगत दिनों में परिजनों से और अन्य से क्या-क्या बात हुई जांच का विषय? लापरवाही का आरोप लगाते परिजनों ने किया हंगामा दोनों मृतकों स्वीपर की जगह सफाई के लिए पहले भी कभी गटर में उतारा गया है क्या? गटर में जिस गैस से दम घुटना बताया जा रहा वो कौन सी गैस हैं और वर्तमान उस गटर में उक्त गैस है कि नहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट से छेड़छाड़ और भारी पैसा देकर बदलवाने की चर्चा? सभी ब्रांच के कर्मचारियों से अलग-अलग बैठाकर पुलिस को सच्चाई सामने लाने बयान लेना था? बिरियानी सेंटर का मैनेजमेंट कर्मचारियों के साथ बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार जिसकी कठोरता से जांच हो तभी पता चलेगा कि कर्मचारियों की हत्या बिरियानी सेंटर में हुई है? दुर्घटना वाली गटर में गैस होती है कि नहीं इसका भी पता पहले काम कर चुके स्वीपर से बयान लेकर इसकी पुष्टि करना होगा? रायपुर (जसेरि)। राजधानी के तेलीबांधा थाना इलाके के अशोका बिरयानी सेंटर में हुए दो कर्मचारियों की संदिग्ध मौत के बाद और मीडियाकर्मियों से मारपीट और पुलिस की एक तरफा कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन ने अपने तरफ से एक्शन लिया है और देर शाम अशोका बिरयानी सेंटर के कोटा ब्रांच, पचपेड़ी नाका ब्रांच और रायपुरा ब्रांच को स्वयं जाकर ताला लगाया है। इस मामलें में पुलिस को जांच करना चाहिए कि दोनों मृतकों की मौत जिस गटर में घुसने से हुई है उस गटर में ये दोनों को उसी दिन क्यों भेजा गया। सूत्रों से जानकारी आ रही है कि अशोका बिरयानी सेंटर के मजदूरों से बंधवा मजदूरी भी करवाई जाती है। जिसके चलते ये दोनों मृतक अशोका बिरयानी के काम को छोड़कर उस संस्था से अलग होने का फैसला ले रहे थे।
जब मृतकों में कोई भी स्वीपर का काम नहीं करता तो मृतकों को ही क्यों उस गटर की सफाई के लिए भेजा गया। पुलिस को इस मामलें में हत्या का एंगल जोडक़र जांच की कार्रवाई करनी चाहिए। पुलिस को अशोका बिरयानी सेंटर के सभी स्टाफ और मृतकों के परिजनों से अलग-अलग पूछताछ करनी चाहिए ताकि मामलें में जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी हो सके। अशोका बिरयानी सेंटर के बाहर रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोतीलाल साहू भी धरना देने पहुंचे थे जिन्होंने अशोका बिरयानी सेंटर के सभी ब्रांच पर तत्काल ताला लगाने के आदेश दिए जिसके बाद तहसीलदारों की टीमों ने सभी ब्रांचों में जाकर अशोका बिरयानी में ताला लगाया है। मृतकों के परिजनों को अशोका बिरयानी के संचालक से एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की है।
पुलिस को इस एंगल से करनी चाहिए जांच : मृतकों ने गटर में घुसने से पहले अपने परिजनों में से किससे आखिरी कॉल बात किया था? और उससे क्या बातचीत हुई ? हादसे से पहले मृतकों को किसके साथ देखा गया था कौन मृतकों के सबसे करीब था ? किसके साथ दोनों मृतक ज्यादा देर तक बातें करते थे और बिरयानी सेंटर में मृतकों का सबसे अच्छा दोस्त कौन था इसकी भी जांच पुलिस दोनों मृतकों के कॉल डिटेल निकालकर करें। पुलिस को चाहिए कि मृतकों के एक हफ्ते का पुराना कॉल डिटेल सर्च करना चाहिए और मृतकों के परिजनों का बयान दर्ज कर मामलें में कार्रवाई आगे बढ़ानी चाहिए तब जांच सही दिशा में जाएगी। अशोका बिरयानी में 2 कर्मचारियों की मौत के बाद लगातार प्रदर्शन का दौर जारी है। घटना के एक दिन बाद शुक्रवार को भी जमकर प्रदर्शन हुआ। इस बीच देर शाम परिजनों ने दोनों लाश को होटल के दरवाजे पर रखकर नारेबाजी की। तेलीबांधा थाना क्षेत्र के जीई रोड स्थित बिरयानी में गटर साफ करने के दौरान दोनों की मौत हुई थी। इस मामले में प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये मौत घटना नहीं है, बल्कि प्रबंधन ने हत्या की है। मौके पर पुलिस बल भी तैनात किया गया था, लेकिन वहां मौजूद लोग आक्रोशित थे। प्रदर्शनकारियों ने कहना है कि पुलिस का एक हाफ बिरयानी में बिक गया है और होटल के मैनेजमेंट के लोग जो बयान दे रहे है उसी को आधार मानकर एक तरफा कार्रवाई की गई है। वही होटल के मैनेजरों द्वारा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट बदलने की भी बातें सामने आ रही है। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि कोई न कोई छुटभैया प्रदेश कांग्रेस का दलाल नेता होटल स्टाफ और मैनेजमेंट को बचाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रहा है। प्रदर्शनकारियों से भी चुपचाप बात कर रहा है, ताकि मामला रफा-दफा हो जाए और दलाली पक जाए। दोनों मृतकों के परिजनों ने कहा कि घटना को 24 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं। अभी तक एक भी होटल मैनेजमेंट का व्यक्ति बातचीत करने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जब तक मैनेजमेंट का कोई जिम्मेदार व्यक्ति हमसे बातचीत करने नहीं आएगा। तब तक हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस मामले में साहू संघ शहर जिला प्रकोष्ठ और छत्तीसगढ़ी क्रांति सेना लगातार बिरयानी के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में साहू संघ के युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष देवदत्त साहू ने कहा कि दोनों की मौत से समाज में बहुत आक्रोश है। ये गटर सफाई करने वाले नहीं थे। उनके शरीर में चोट के निशान भी थे। दोनों परिवारों को प्रबंधन की ओर से 1-1 करोड़ रुपये मुआवजा मिलना चाहिए। साथ ही इस मामलें में हत्या का मामला बनाकर एफआईआर भी होना चाहिए। मृतकों में एक 30 साल का नीलकुमार पटेल जांजगीर-चांपा जिले के खूंटादहरा का रहने वाला था। वहीं दूसरा 19 साल का डेविड साहू धमतरी के खम्हरिया का रहने वाला था। रायपुर के बिरयानी में गुरुवार को हुई 2 मौत को कवर करने गए पत्रकारों के साथ मारपीट भी हुई थी। होटल स्टॉफ इस घटना को कवर करने से रोक रहा था। इस मामले में एक पत्रकार के गर्दन के पास चोट आई। साथ ही न्यूज चैनल का कैमरा भी तोड़ दिया गया। पुलिस ने बिरयानी की 3 महिला स्टाफ समेत 6 आरोपियों के खिलाफ मारपीट और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। गिरफ्तार कर आरोपियों को एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया। पत्रकारों की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता विवेक तनवानी ने सभी 6 आरोपियों की जमानत का विरोध किया। इसे स्वीकार कर सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया। मारपीट मामलं के 6 आरोपियों को 26 अप्रैल तक एसडीएम कोर्ट ने भेजा जेल : पत्रकारों से मारपीट का मामूली मामला बनाकर हल्की धारा लगाकर एसडीएम कोर्ट में पेश किया। पुलिस का कहना है कि हत्या हो या गैर इरादतन हत्या सभी पहलुओं में हर एंगल से जांच की जा रही। पीएम रिपोर्ट के उपरांत ही कुछ कहा जा सकता है। तेलीबांधा क्षेत्र में स्थित बिरियानी सेंटर के 6 कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को पुलिस ने सभी 6 आरोपियों को एसडीएम कोर्ट में पेश किया। मामलें में जानकारी देते हुए तेलीबांधा थाना प्रभरी ने बताया कि बिरयानी सेंटर में पत्रकारों से मारपीट के मामलें में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनके खिलाफ आईपीएसी की धारा 294-323-506-427-34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। न्यायालय में आरोपियों को आईपीसी की धारा 151 के तहत पेश किया जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने 6 आरोपियों को 26 अप्रैल तक जेल भेजा है। बिरयानी सेंटर का मालिक कृष्णकांत तिवारी जमानत निरस्त होने के बाद भी फरारी में खुलेआम घूमते रहा मुंबई निवासी रितु शर्मा भी बिरयानी सेंटर के संचालक कृष्णकांत तिवारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने दादा के नाम पर डीडी थाने के सामने जमीन खरीदी थी जिसे उक्त बिरयानी सेंटर के संचालक कृष्णकांत तिवारी ने फर्जी दस्तावेज के सहारे रजिस्ट्री करवा लिया था जिसकी रिपोर्ट पर डीडी नगर थाने में अपराध दर्ज है। उन्होंने कल पत्रकारवार्ता में बताया कि बिलासपुर हाई कोर्ट ने बिरयानी सेंटर के संचालक तिवारी की जमानत भी ख़ारिज कर दी थी उसके बावजूद रायपुर पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई जबकि वह रायपुर में ही खुलेआम घूम रहा है। इसके आलावा रितु शर्मा ने यह भी आरोप लगाया की उसने उन्हें गुंडों से पिटवाया भी, जिसकी शिकायत भी उन्होंने थाने में की थी कोई कार्रवाई नहीं होने के वजह से वे मुंबई में ही रही। यह मामला अशोका बिरयानी डीडी नगर वाली ब्रांच का है ठीक थाने के सामने जमीन फर्जी तरीके से कब्जा कर रजिस्ट्री करवा लिया। और वहां पर बिरयानी सेंटर खोल लिया। जमीन मालिकों को गूंडे और पुलिस की धमकी देकर भगा दिया। इस मामले आगे जनता से रिश्ता के अगले अंक में विस्तृत जानकारी देंगे। परिजन का आरोप मृतक डेविड साहू की बहन खशी साहू ने बताया कि घटना के बाद अशोका बिरयानी वालों की ओर से फोन कर कहा कि आपके भाई का एक्सीडेंट हो गया है। इसके कुछ देर बाद बताया, झूठ बोला कि आपके भाई का पैर फिसल गया, वह गटर में गिर गया है। वे लगातार गुमराह करते रहे, खुशी ने आगे बताया कि घटना का वीडियो सामने आया है। जब दोनों को बाहर निकाला गया। एक की मौत हो चुकी थी, दूसरा बेहोशी की हालत में था। होटल वाले 20 मिनट तक उसे इधर से उधर करते रहे, उसका इलाज नहीं कराया। प्रबंधन की लापरवाही ने भाई की जान ले ली। मामले की सुगमता से जांच होनी चाहिए हमारे भाई की हत्या हुई है। कर्मचारियों के मौत के मामलें केस दर्ज नहीं, मारपीट के आरोपियों को बचा रही पुलिस तेलीबांधा क्षेत्र में स्थित बिरियानी सेंटर में दो कर्मचारियों की गटर में संदिग्ध मौत के मामलें में पुलिस ने अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया है। जबकि पत्रकारों से मारपीट मामलें में 6 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का एक नया कारनामा देखने को मिला है कि पुलिस ने मामलें में आईपीसी की धारा 294, 323, 506, 427, 34 के तहत अपराध तो दर्ज कर लिया मगर एसडीएम कोर्ट में आरोपियों को आईपीसी की धारा 151 के तहत पेश किया। जिला प्रशासन के दबाव की वजह से मजिस्ट्रेट ने मारपीट के मामलें में पेश हुए 6 आरोपियों को 26 अप्रैल तक जेल भेजा है। पुलिस की इस एकतरफा कार्रवाई के चलते दो युवकों के संदिग्ध मौत मामलें में कोई कार्रवाई नहीं की गई। एक कर्मचारी ने जनता से रिश्ता के प्रतिनिधि को बताया कि जेल में भी कर्मचारियों के लिए व स्टाफ के लिए बड़ी मात्रा में बिरयानी भेजी गई है। जब तक कर्मचारी जेल में रहेंगे तब तक बिरयानी सेंटर से बिरयानी की सफ्लाई जेल में जारी रहेगी। बिरयानी रेस्टोरेंट, मृतकों के परिजनों को 30-30 लाख मुआवजा: सीएम साय सीएम विष्णु साय और गृहमंत्री विजय शर्मा, विधायक मोतीलाल साहू अनुज शर्मा की मौजूदगी में अशोका बिरयानी सेंटर के प्रबंधन ने मृतकों के परिजनों दोनों परिवार को 30 लाख रुपए का दिया मुआवजा दिया। परसों रेस्टारेंट के गटर में जहरीली गैस से दम घुटने से डेविड साहू और नील कुमार पटेल की मौत हो गई थी। बीती आधी रात प्रबंधन ने परिवार को 15-15 हजार रुपए प्रतिमाह उम्रभर देने की बात परबनी सहमति के बाद दोनो परिवार शव लेकर रवाना हुए। कलेक्टर एसपी समेत जिला प्रशासन की भी टीम मौजूद ही। कल दिन भर परजनों ने दोनों के शव रेस्तरां के सामने बैठकर अपनी मांगो पर प्रदर्शन किया था। इससे पहले घटना को कवर करने गए पत्रकारों से मारपीट करने वाले अशोका बिरयानी होटल के कर्मचारियों को जेल भेजा गया है। रेस्टारेंट की तीन महिला तीन पुरुषों को एसडीएम कोर्ट ने जेल भेजा। बिरयानी सेंटर प्रबंधन के एमडी के. के. तिवारी, सनाया तिवारी सीईओ और जीएम रोहित चंद समेत रोमिना मंडल ब्रांच मैनेजर पर गैर इरादतन हत्या की धारा 304 के तहत मामला दर्ज कि?या गया।त्ररू रोहित चंद समेत रोमिना मंडल ब्रांच मैनेजर पूर्व से गिरफ्तार है।बाकी आरोपी फरार है।तेलीबांधा थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया है। जबरन गटर में उतारा मृतक नीलकमल कुमार पटेल (30) जांजगीर चांपा निवासी के भाई दिनेश पटेल ने बताया कि नीलकमल अशोका बिरयानी सेंटर में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था, बावजूद उसे जबरन गटर में उतारा गया। घटना के बाद होटल प्रबंधन ने उसे लगातार गुमराह करते हुए मौत की अलग-अलग वजह बताई। नीलकमल का डेढ़ साल बच्चा भी है। अब प्रबंधन इस मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहता है। हमारे भाई के हत्या का आरोपी अशोक बिरयानी का मालिक है और मालिक ही सभी सच्चाई को छुपाकर सभी कर्मचारियों पर दबाव बनाए रखा है। सच सामने आना चाहिए। सभी कर्मचारियों से अलग-अलग बयान कठोरता से लेना चाहिए। जिससे सच्चाई सामने आ पाएगी। शबाना, रूबीना, पूजा और न जाने कई ऐसी महिला इंजार्च कर्मचारी है जो मालिक की खास बनकर कर्मचारियों पर अत्याचार करती है। जब दोनों मृतकों को सुबह 6 बजे से गटर साफ करने के नाम पर भेजा गया था। तो सुबह 11 बजे लाश के रूप में क्यों निकाला गया।अशोका बिरयानी के सभी ब्रांच में ताले, गृहमंत्री विजय शर्मा ने पीडि़त परिवारों को न्याय का भरोसा दिया।

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