Business

215 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार

गुरुवार को सेंसेक्स 76 अंकों की गिरावट के साथ 40,575 और एनएई 30 अंकों की गिरावट के साथ 11,968 पर रहा था।
शेयर मार्केट में मामूली गिरावट का दौर शुक्रवार को भी जारी रहा। शुरुआती कारोबार में बीएसई (BSE) 73 अंकों की गिरावट के साथ 40501 के स्तर रहा, जबकि निफ्टी (NEFT) में 21 अंकों की गिरावट के साथ 11,946 पर कारोबार हुआ। इसके बाद 11.30 बजे के आसपास यह गिरावट बढ़कर करीब 200 अंकों की हो गई। तब बीएसई में 204 अंकों की गिरावट के साथ 40,367 के स्तर पर ट्रेडिंग हुई, जबकि निफ्टी 60 अंकों की गिरावट के साथ 11,906 पर रहा। आखिरी में सेंसेक्स 215 अंकों की गिरावट के साथ 40,359 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी में 54 अंकों की गिरावट रही और यह 11,914 पर रहा।
इससे पहले गुरुवार को सेंसेक्स 76 अंकों की गिरावट के साथ 40,575 और एनएई 30 अंकों की गिरावट के साथ 11,968 पर रहा था। शुक्रवार को जिन कंपनियों के शेयर चढ़े उनमें शामिल हैं – eClerx Services (+ 20.00 %), IDBI Bank Ltd. (+ 19.94 %), Network 18 Media (+ 15.52 %), Adani Green Energy (+ 9.95 %) और RBL Bank (+ 8.48 %)। वहीं जिन कंपनियों के शेयर्स को नुकसान झेलना पड़ा, उमनें शामिल रहीं – UCO Bank (-9.98 %), Tejas Networks (-7.57 %), Corporation Bank (-6.81 %), Shipping Corpn. (-5.15 %) और Indiabulls Integrate (-4.97 %)। डॉलर के मुकाबले रुपए की स्थिति: शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में मामूली मजबूती देखी गई। डॉलर के मुकाबले रुपया 1 पैसे की मजबूती के साथ खुला है और यह 71.75 रुपए प्रति डॉलर रहा। आखिर में यह 71.77 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ। गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 71.76 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था। बीपीसीएल के लिए बोली नहीं लगा पाएंगी इंडियन ऑयल, अन्य सरकारी कंपनियां! इससे पहले सरकार ने संकेत दिया है कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य कंपनियों को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बीपीसीएल का अधिग्रहण करने के लिए किसी भी खरीदार को करीब 90,000 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को कहा, ‘2014 से ही हमारी सोच रही है कि सरकार का काम कारोबार करना नहीं है।’ उन्होंने कहा कि हमारे पास दूरसंचार और विमानन जैसे दो-तीन क्षेत्रों के उदाहरण हैं, जहां निजी क्षेत्र की भागीदारी से उपभोक्ताओं के लिए कीमतें घटी हैं और दक्षता बढ़ी है। साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो पा रही हैं। पेट्रोलियम मंत्री ने हालांकि यह नहीं बताया कि आईओसी या ऑल इंडिया को बीपीसीएल के अधिग्रहण मति दी जाएगी या नहीं। आईओसी और ऑयल इंडिया की पहले से नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी हैं और दोनों उसे कधो तेल की आपूर्ति भी करती हैं। प्रधान ने कहा, ‘इसके ब्योरे पर काम चल रहा है। वित्त मंत्री ने कहा है कि बीपीसीएल का निजीकरण इसी वित्त वर्ष में होगा। हमें उम्मीद है कि तय समयसीमा में इसे पूरा कर लिया जाएगा।’ यह पूछे जाने पर कि क्या सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को सरकार की 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए बोली लगाने की अनुमति दी जाएगी, प्रधान ने कहा, ‘विनिवेश प्रक्रिया का ब्योरा तय किया जाएगा, लेकिन जब मैं कहता हूं कि कारोबार करना सरकार का काम नहीं है, तो यह भविष्य की संभावित कार्रवाई का संकेत हो सकता है।’मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने बुधवार को देश की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी पेट्रोलियम कंपनी बीपीसीएल और सबसे बड़ी जहाजरानी कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) में सरकार की समूची हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दी है। इसके अलावा कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) के निजीकरण का भी फैसला किया गया है।

Live Videos

Advertisements

Advertisements

Advertisements

Advertisements

Our Visitor

0515188