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छत्तीसगढ़ के संसाधनों पर मोदी के मित्र अडानी की बुरी नजर – सुरेंद्र वर्मा

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रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा है कि भाजपा छत्तीसगढ़ में अडानी के प्रतिनिधी के रूप में चुनाव लड़ रही है। मोदी और अमित शाह का सबसे ज्यादा फोकस छत्तीसगढ़ के चुनाव पर इसलिए है, क्योंकि छत्तीसगढ़ के कोल, आयरनओर, बॉक्साइट, टीन के खदानों, छत्तीसगढ़ के पॉवर प्लांट, छत्तीसगढ़ के स्टील और सीमेंट उद्योगों, छत्तीसगढ़ के जल-जंगल-जमीन पर मोदी के मित्र अडानी की बुरी नजर है। भाजपा और मोदी के मुखौटे के पीछे असल मकसद अडानी का मुनाफा है। मोदी सरकार ने अपने मित्र के लाभ के लिए ही वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रावधानों को शिथिल करके आदिवासियों को जल जंगल जमीन के अधिकार से वंचित किया है। अपने पूंजीपति मित्रों के लाभ के लिए ही मोदी सरकार ने कमर्शियल माइनिंग शुरू की। अति महत्वपूर्ण जैव विविधता के क्षेत्र में घोषित नो-गो एरिया को संकुचित करके अडानी को खदानें दिए। नवरत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड और एसईसीएल के खदानों में खनन का कार्य भी दबावपूर्वक अडानी को सौंप दिए। केंद्रीय संसद में बिना बहस, बिना चर्चा के, विपक्ष के मत विभाजन की मांग को भी दरकिनार करके एक ही दिन में दर्जनों श्रमिक कानून को अपने पूंजीपति मित्रों के हित में संशोधित किया। स्पष्ट है कि पूंजीवाद ही भाजपा का असल एजेंडा है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा को वोट देने का मतलब छत्तीसगढ़ के संसाधनों को मोदी के मित्रों को सौंप देना है। 2017 में ही जब भाजपा की तथाकथित डबल इंजन की सरकार थी, तब एनएमडीसी के नगरनार प्लांट को बेचने की प्रक्रिया शुरू की गई। भूपेश सरकार आने के बाद विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके भेजा कि यदि मोदी सरकार बेचना चाहती है तो उसे राज्य सरकार को दे, हम खरीदने तैयार हैं, लेकिन जानबूझकर मोदी सरकार ने ऐसी शर्ते रखी ताकि छत्तीसगढ़ सरकार को बाहर रखा जा सके। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि 15 साल रमन राज में छत्तीसगढ़, मोदी के मित्रों और भाजपाईयों का चारागाह बना कर रखा गया था। 2014 से 2018 के बीच जब दोनों जगह बीजेपी की सरकार थी केंद्र में मोदी और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह थे उसे दौरान ही छत्तीसगढ़ का जनता पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुए। बस्तर के 600 गांव उजाड़ दिए गए। फर्जी मामले दर्ज़ कर आदिवासियों को जेलों में बंद किया गया था, जिनकी भूपेश सरकार में रिहाई हुई। 2016-17 में ही बस्तर के दंतेवाड़ा जिले का नंदराज पर्वत जो लौहअयस्क खदान के साथ ही आदिवासियों के धार्मिक महत्व का स्थल भी है उसे मोदी के मित्र अडानी को सौंप दिया गया। रमन सरकार ने कूटरचना कर ग्रामसभा की फर्जी सहमति बनवाकर भेजी, जिसके आधार पर केंद्र की मोदी सरकार ने नंदराज पहाड़ अडानी को सौंप दिया था, जिसे भूपेश सरकार ने निरस्त किया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी, शाह, नड्डा और छत्तीसगढ़ के भाजपा के नेताओं को छत्तीसगढ़ की समृद्धि, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान और आत्मसम्मान बर्दाश्त नहीं हो रहा है। भूपेश बघेल के नेतृत्व में आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक तरक्की से भाजपाई व्यथित हैं। 15 साल रमन सरकार के कुशासन, वादाखिलाफी और भ्रष्टाचार के चलते आम जनता के बीच अपनी विश्वसनीय खो चुके फर्जी चौकीदार भाजपाई अब एक बार फिर झूठ और जुमलों में फसा कर छत्तीसगढ़ में अडानी के लिए ज़मीन तैयार करने में लगे हैं और तरह तरह के षड़यंत्र रच रहे हैं।

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