FASTag Scam: पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने ऐसे लोगों को शिकार बनाया जिन्हें नए क्रेडिट कार्ड जारी हुए थे। गिरोह के सदस्य क्रेडिट कार्ड एक्टवेट करने और लिमिट बढ़ाने के बहाने लोगों को फोन किया करते थे। पर धोखाधड़ी हिरासत में लिए जाने के बाद जाहिद ने बताया कि वह एक गिरोह का सदस्य है, जो क्रेडिट कार्ड एक्टिवेशन और अन्य सर्विस के बहाने लोगों से ठगी कर रहे हैं। उसने अपने सहयोगी रवि मित्तल के नाम का खुलासा किया, जो पीड़ित के खाते की जानकारी से FASTag बनाता था। अपराध शाखा के अधिकारियों ने बताया कि गैंग ने पीड़ित के खातों से पैसे निकालने और उसे डायवर्ट करने के लिए फास्टैग वॉटेल का इस्तेमाल किया।
फोन पर लेते थे जरूरी जानकारी- विशेष पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंह यादव ने कहा कि गिरोह उन लोगों से संपर्क करते थे। जिन्होंने नए क्रेडिट कार्ड खरीदे हैं। मित्तल फास्टैग वॉलेट बनाता था, जबकि गिरोह के अन्य सदस्य क्रेडिट कार्ड सर्विस को सक्रिय करने के बहाने पीड़ित की खाते का विवरण लेते थे। फिर FASTag वॉलेट का इस्तेमाल करके वे बैंक खाते से पैसे लेते थे। यादव ने कहा, ‘ई-वॉलेट से पैसे निकालने के लिए उन्होंने पेट्रोल पंप ऑपरेटरों के साथ करार किया था। ताकि स्वाइप मशीन का इस्तेमाल करके ठगी गई रकम का इस्तेमाल किया जा सके।’
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