रिपब्लिक TV के CEO विकास खानचंदानी को मुंबई किला कोर्ट ने 15 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है। अदालत के इस फैसले के खिलाफ रिपब्लिक TV ग्रुप आज बॉम्बे हाईकोर्ट जाएगा। आज ही विकास के लिए जमानत की याचिका भी दायर होगी। विकास की गिरफ्तारी फेक TRP केस में हुई है। खानचंदानी इस केस में गिरफ्तार होने वाले 13वें व्यक्ति हैं। इस मामले में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट और डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम सिंह भी गिरफ्तार हो चुके हैं। विकास गिरफ्तार होने वाले रिपब्लिक टीवी के दूसरे अधिकारी हैं।
दो बार पूछताछ के बाद हुई गिरफ्तारी – गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि खानचंदानी का बयान दो बार दर्ज किया गया था और उनकी भूमिका रिपब्लिक टीवी के डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम सिंह से पूछताछ के दौरान सामने आई थी। जांच अधिकारी ने कहा, ‘हमारे पास खानचंदानी के खिलाफ प्रत्यक्ष सबूत हैं और पहले से ही गिरफ्तार आरोपी घनश्याम सिंह के साथ उसका लिंक भी मिला है।’
वॉट्सऐप से मिले पुलिस को अहम सुराग- जांचकर्ताओं ने कहा कि खानचंदानी एक इंटरनल वॉट्सऐप ग्रुप का हिस्सा थे, जिसमें LCN (लॉजिकल चैनल नंबर) पर चर्चा होती थी। क्राइम ब्रांच ने अदालत में पेश की गई चार्जशीट में उल्लेख किया था कि चैनल के अधिकारियों ने केबल ऑपरेटरों और मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स (मल्टी सिस्टम ऑपरेटर) के साथ मिलकर रिपब्लिक टीवी को ड्यूल लॉजिकल चैनल नंबर (LCNs) या दो फ्रीक्वेंसी पर चलाया, जो भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। क्या है फेक TRP केस?
फेक TRP हेर-फेर घोटाला अक्टूबर में सामने आया था, जब हंसा के एक अधिकारी ने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के मालिक को गिरफ्तार किया गया था। नवंबर में, मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने कथित फर्जी टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स (TRP) मामले में 1,400 पन्नों की चार्जशीट दायर की, जिसमें रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क और न्यूज़ नेशन समेत छह चैनलों का नाम था। बताया गया था कि TRP बढ़ाने के लिए लगभग दो साल से पैसे दिए जा रहे थे।
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