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निफ्टी में मंगलवार को 200 अंक के करीब पहुंची सेंसेक्स की गिरावट

शेयर मार्केट में मंगलवार को सपाट शुरुआत हुई। शुरू में सेंसेक्स 50 अंक ऊपर रहा, लेकिन 20 मिनट के कारोबार में यह बढ़त गंवा दी और 60 अंकों की गिरावट पर आ गया। सुबह 9.20 बजे बीएसई 47 अंकों की गिरावट के साथ 40,755 के स्तर पर रहा, वहीं निफ्टी में 18 अंकों की गिरावट रही और यह 12,029 पर रहा। 11.15 बजे सेंसेक्स की गिरावट 100 अंक तक पहुंच गई और यह 40,701 के स्तर आ गया। तब निफ्टी में करीब 40 अंकों की गिरावट के साथ 12,007 पर ट्रेडिंग हुई।
दोपहर 1.48 बजे के करीब सेंसेक्स की गिरावट बढ़कर 180 अंक हो गई है। यह 40,621 के स्तर पर है। वहीं निफ्टी में 69 अंकों की गिरावट के साथ 11,976 पर ट्रेड हो रहा है।
इससे पहले दिन की शुरुआत में लगभग 363 शेयर तेजी के साथ खुले, वहीं 212 शेयरों में गिरावट देखी गई। 43 शेयर अपरिवर्तित रहे। बायोकॉन, यस बैंक, भारती एयरटेल, बजाज ऑटो, एसबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक, एमएंडएम के शेयरों में तेजी रही, जबकि हारेर्स हिंडाल्को, ग्रासिम, वोडाफोन आइडिया और मोथरसन सुमी में गिरावट देखी गई।
बिल्डरों को 1,000 करोड़ के लोन पर डिफॉल्ट का जोखिम
बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) की तरफ से रियल एस्टेट कंपनियों को दिया गया 14 अरब डॉलर यानी करीब 1,000 करोड़ रुपए के लोन दबाव में हैं। इनके ब्याज और किस्तों के भुगतान में समस्या आ सकती है। रियल एस्टेट सेक्टर की सलाहकार फर्म एनारॉक की तरफ से जारी एक बयान में कहा है कि बैंकों, एनबीएफसी और एचएफसी ने रियल एस्टेट सेक्टर को करीब 93 अरब डॉलर का कर्ज दिया है। इसमें से करीब 62 प्रतिशत या 58 अरब डॉलर पूरी तरह दबावमुक्त है। रिपोर्ट कहती है कि इसमें से 22 प्रतिशत या 21 अरब डॉलर के लोन पर कुछ दबाव है, लेकिन इसका हल निकाला जा सकता है। इसमें कहा गया है कि रियल एस्टेट सेक्टर से मुख्य रूप से ब्याज की वसूली दबाव में है, मूल राशि नहीं। एनारॉक ने कहा है कि बिल्डरों को 14 अरब डॉलर या कुल कर्ज का 16 प्रतिशत ही अधिक दबाव में है। बिल्डरों को दिए गए कुल कर्ज में एचएफसी का हिस्सा सबसे अधिक 38 प्रतिशत का है। इसमें बैंकों का हिस्सा 34 प्रतिशत और एनबीएफसी का हिस्सा 28 प्रतिशत है।

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