‘बैक टू बैलेट’ – ‘बैक टू बैलेट’ और ‘ईवीएम हटाओ-देश बचाओ’ नारे के साथ उन्होंने अपनी ट्रॉली के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगाया। उनका मकसद यह है कि वो 16,000 किलोमीटर की यात्रा करेंगे। अंत में वो दिल्ली में इस यात्रा को खत्म करेंगे। यहां वो गांधी जी की समाधि स्थल राजघाट पर जाएंगे और यात्रा की समाप्ति करेंगे।
रोज 35 किलोमीटर पैदल चलते हैं – ओंकार सिंह रोज 35 किलोमीटर पैदल चलते हैं। वो इस यात्रा के दौरान सड़क किनारे या फिर किसी पेट्रोल पंप पर सोते हैं। वो जहां भी जाते हैं लोगों को ईवीएम में होने वाली खामियों से संबंधित जानकारी देते हैं। उनका मानना है कि बैलेट ईवीएम से ज्यादा सही प्रक्रिया थी।
पूरा परिवार छोड़कर आए हैं – ओंकार सिंह की पत्नी पेशे से डॉक्टर हैं। एक बेटा-बेटी भी है। माता-पिता को नमन कर उन्होंने यह यात्रा शुरू की। वो मानते हैं कि पारदर्शी लोकतंत्र में ईवीएम का बैन होना जरूरी है। वो जहां भी जाते हैं, लोग उनका स्वागत करते हैं। उनके विचारों को सुनते हैं।
लोगों को कर रहे हैं अवेयर – ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी की बात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करते रहते हैं। खैर, बात हुई पुरानी। नई बात ये है कि एक शख्स ने ईवीएम बैन करवाने को लेकर 6500 किलोमीटर की पैदल यात्रा की। इस शख्स का नाम है ओंकार सिंह ढिल्लों। वो उत्तराखंड के रहने वाले हैं।
लॉन्ड्री का करते हैं काम – उत्तराखंड के रुद्रपुर में ओंकार सिंह ढिल्लों की लॉन्ड्री की दुकान है। पिछले लगभग 105 दिनों से दुकान पर ताला जड़ा है। बात 18 अगस्त की है। उन्होंने एक 75 किलो वजन वाली ट्रॉली ली। फिर रखे उसमें अपने जरूरी कपड़े। निकल पड़े देश की यात्रा पर। मकसद था ईवीएम बैन कराने के लेकर लोगों को अवेयर करना।
फेसबुक पर देते हैं यात्रा की जानकारी – अपनी रोजमर्रा यात्रा की जानकारी वो फेसबुक के जरिए अपने चाहने वालों को देते रहते हैं।
बैक टू बैलेट और ईवीएम हटाओ-देश बचाओ नारे के साथ एक आदमी 16,000 किलोमीटर की यात्रा पर…

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