महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान में उस समय एक और बड़ा मोड़ तब आया जब खबर आई कि 78 घंटे पहले डिप्टी सीएम की शपथ लेने वाले अजित पवार ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सौंप दिया है। इसके कुछ देर बाद फडणवीस ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे के सीएम बनने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। यह अजित पवार से बड़ी हार भाजपा और देवेंद्र फडणवीस की है।
महाराष्ट्र में भाजपा की 5 बड़ी गलतियां –
भाजपा का सबसे बड़ा दांव विधायक दल के नेता के रूप में अजित पवार द्वारा जारी होने वाले व्हीप पर था। पार्टी ने सोचा कि स्पीकर उसका होगा तो जैसा चाहेंगे कर लेंगे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही प्रोटेम स्पीकर को ये सभी जिम्मेदारी दी तो समीकरण बिगड़ गए। भाजपा ने अजित पवार के रूप में एक कच्चे खिलाड़ी पर दांव लगा दिया। कहा जा रहा है कि यही बात शरद पवार से होती तो शायद आज दोनों दल मिलकर सरकार बनाने की तैयारी कर रहे होते। भाजपा ने शरद पवार को कमजोर समझा और अजित पवार को कुछ ज्यादा तवज्जो दे दी। हालांकि शरद पवार जैसे मंझे खिलाड़ी ने भी कभी सोचा नहीं था कि अजित पवार रातों-रात भाजपा से हाथ मिला लेंगे।
अजित पवार जो दस्तावेज लाए, भाजपा ने उन पर बिना जांचे-परखे भरोसा कर लिया। अजित पवार द्वारा दिए गए दस्तावेजों को एनसीपी ने तत्काल फर्जी बता दिया। अटेंडेंस वाले कागज को विधायकों का सहमति वाला हस्ताक्षर बताया दिया गया। कुल मिलाकर भाजपा ने जल्दबाजी की। केंद्रीय नेतृत्व ने सबकुछ देवेंद्र फडणवीस पर छोड़ दिया था। आधी-अधूरी तैयारी के साथ सरकार बनी तो केंद्रीय नेतृत्व उतरना पड़ा, लेकिन अब सबक लिए शर्मिंगदी वाली स्थिति बन रही है।
महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच बड़ी खबर है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर इसकी जानकारी दी है। इसके पूर्व अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री देवेंद्र फ़डणवीस को सौंप दिया था। बता दें कि सीएम देवेंद्र फडणवीस भी प्रेस कांफ्रेंस लेकर मीडिया को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में भाजपा शिवसेना गठबंधन को जनता ने खुलकर मतदान किया। गठबंधन को पूर्ण जनादेश मिला था। भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी भी बनाया। हमने शिवसेना के साथ ही चुनाव लड़ा, लेकिन हमारा स्ट्राइक रेट शिवसेना से ज्यादा था।
जनादेश गठबंधन को था लेकिन भाजपा को ज्यादा था। हमने सरकार बनाने का फैसला किया लेकिन जो बात तय ही नहीं हुई थी शिवसेना उस पर अड़ी हुई थी। अमित शाह ने हमारे बीच में स्पष्ट तौर पर चुनाव के पहले, चुनाव के बाद हर जगह उन्होंने कहा कि जो तय नहीं हुआ था उसे हम पर लाद दिया गया कि यह ही तय हुआ है।
जब भाजपा को यह धमकी मिली तब बीजेपी ने तय किया कि जो समझौता नहीं हुआ वह नहीं दिया जाएगा। लेकिन हमसे चर्चा करने के बजाय शिवसेना एनसीपी से बात कर रहे थे। हमने सुना था कि जो मातोश्री से बाहर नहीं जाते वे उससे बाहर निकलकर चर्चाएं कर रहे थे। ऐसे में जब मुद्दत खत्म होने पर गर्वनर ने हमे सरकार बनाने मुलाया था, हमारे पास नंबर ना होने पर हमने मना कर दिया था।
फडणवीस ने शिवसेना,एनसीपी और कांग्रेस पर भी निशाना साधाा और कहा कि तीन पहियों की गठबंधन सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी। शिवसेना का एजेंडा सिर्फ सत्ता हासिल करना है। हालांकि हम भी मजबूत विपक्ष का काम करेंगे।
शिवसेना ने पहले दिन से ही बारगेनिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने कहना शुरू कर दिया था कि जहां हमें सीएम पद मिलेगा वहां हम जाएंगे। भाजपा के नेताओं ने कभी भी शिवसेना को ढाई साल के मुख्यमंत्री का वादा नहीं किया गया था। लेकिन इस दावे पर अड़कर शिवसेना ने हमसे बात करने के बजाय कांग्रेस और एनसीपी से बात शुरू कर दी थी। इसके बाद राज्य में जो कुछ भी हुआ वह हम सबने देखा है।
फडणवीस ने कहा कि हम राज्यपाल के पास जाकर इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना खुद को हिंदुत्ववादी पार्टी कहती है, लेकिन उनका हिंदुत्व फिलहाल सोनिया गांधी के चरणों में नतमस्तक है।
हम पर जो हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते हैं उन्होंने तो पूरा का पूरा अस्तबल खरीद लिया था। मुझे ऐसा लगता है कि नई सरकार अपने बोझ तले दबेगी क्योंकि यह तीन पहियों की ऐसी गाड़ी है जिसका एक भी पहियां एक दिशा में नहीं चल सकता है। ऐसे में महाराष्ट्र जैसे अगड़े राज्य की क्या परिस्थिति होगी यह मैं बता नहीं सकता हूं।
हम किसानों, गरीबोंं, सर्व सामान्य लोगों की समस्याएं सरकार तक ले जाएंगे और इसके लिए संघर्ष करेंगे। पिछले 5 साल महाराष्ट्र की जनता ने जैसा हमें प्यार दिया उससे मैं अभीभूत हूं। मैं मानता हूं कि हमने जो काम किया वह बहुत ही प्रामाणिकता के साथ ईमानदारी से पूरी क्षमता के साथ किया। इसी वजह से हम सबसे बड़ी पार्टी के रुप में भी उभरे। फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी का आभार भी व्यक्त किया और कहा कि वह पिछले पांच साल तक सरकार के पीछे चट्टान की तरह खड़े रहे। फडणवीस ने अमित शाह और जेपी नड्डा का भी आभार माना।
आज जब कोर्ट का डिसीजन हुआ और जब हमें कल फ्लोर टेस्ट देना है तब अजीत पवार ने मिलकर मुझे बताया कि इस सरकार में मैं शामिल नहीं हो सकता। मेरी कुछ समस्याएं हैं। अब उनका इस्तीफा आने से अब हमारे पास भी बहुमत नहीं है।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 27 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है। इसके बाद शरद पवार ने भतीजे अजित पवार को मनाने के लिए आखिरी दांव खेला। जानकारी के मुताबिक, शरद पवार ने आज सुबह होटल ट्रायडेंट में अजित पवार से मुलाकात की। उस समय सुप्रिया सुले, प्रफुल्ल पटेल और जयंत पाटिल भी साथ थे। इस दौरान पवार ने अजित से कहा है कि उन्हें माफ कर दिया गया है और वे उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर पार्टी में लौट आएं। उनके पास दूसरा विकल्प यह है कि वे कल फ्लोर टेस्ट के दौरान विधानसभा से गैरहाजिर रहे। खबर है कि शरद पवार ने भतीजे को यहां तक कहा है कि यदि वह अब भी उनकी बात नहीं मानते हैं और विधायकों के लिए व्हीप जारी करते हैं तो एनसीपी के पास प्लान बी भी है।
इस बीच, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि मंगलवार शाम 5 बजे शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों की बैठक होगी और इस बैठक में गठबंधन का नेता चुना जाएगा, जो मुख्यमंत्री पद का दावेदार होगी। उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने में सहमति बन चुके हैं। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि उनके पक्ष यानी शिवसेना, एनपीसी और कांग्रेस की जीत होगी। वहीं सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में मौजूद कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यह भाजपा की हार है जो खरीद-फरोख्त के लिए फ्लोर टेस्ट को टालना चाहती थी। इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर भाजपा की कोर कमेटी की बैठक शुरू हो चुकी है। इस बैठक में एनसीपी नेता अजीत पवार भी शामिल होने के लिए पहुंचें हैं। सामने आ रही जानकारी के मुताबिक आज रात को भाजपा के सभी विधायक वानखेड़े स्टेडियम में जमा होंगे।
महाराष्ट्र में सियासी घमासान से आखिरकार 27 नवंबर यानि कल पर्दा पूरी तरह से उठने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे हैं। इस बीच एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने ट्वीट करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने लिखा कि ‘देश का चाणक्य कौन? शरद पवार…. शरद पवार…एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने ट्वीट करते हुए सुप्रीम कोर्ट को फैसले पर धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी बात है कि फैसला संविधान दिवस पर आया है। यह बाला साहेब अंबेडकर को सच्ची श्रध्दांजलि है।
Add Comment