धान खरीदी एक दिसम्बर से 15 फरवरी तक
मुख्यमंत्री शामिल हुए पंच-सरपंच, कृषक सम्मेलन एवं आभार कार्यक्रम में
छत्तीसगढ़ के विकास के लिए राशि की कमी नहीं होगी
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बालोद जिले के डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम सिंघोला में आयोजित पंच-सरपंच, कृषक सम्मेलन एवं आभार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों का धान 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। धान की खरीदी एक दिसम्बर से 15 फरवरी 2020 तक की जाएगी। ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए राशि की कमी नही होगी।
गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, खाद्य मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री श्री अमरजीत भगत, महिला एंव बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया, संजारी बालोद विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा, गुण्डरदेही विधायक श्री कुंवर सिंह निषाद, पूर्व विधायक श्री भैय्याराम सिन्हा कार्यक्रम में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इंदिरा गॉधी की जयंती के अवसर पर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने आजीवन गरीबों और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया और देश की एकता और अखण्डता की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में देश का कुशलतापूर्वक नेतृत्व करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर भारत को प्रतिष्ठापूर्ण स्थान दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमती गॉधी ने बैंको का राष्ट्रीयकरण, राजाओं के प्रिवीपर्स की समाप्ति जैसे कठोर निर्णय लिए। बंाग्लादेश का उदय, भारत का परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनना उनकी प्रमुख उपलब्धियॉ थी। श्रीमती इंदिरा गॉधी बचपन से देश के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश से कुपोषण को समूल नष्ट करने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना से ग्रामीणों को निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सबसे पहले किसानों का ऋण माफ किया, पच्चीस सौ रूपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों का धान खरीदा इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और क्रय शक्ति बढ़ी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोई मंदी नही है। सराफा, आटोमोबाईल की बिक्री में काफी वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील किया कि कोई भी किसान पैरा को खेत मे न जलाएॅ, बल्कि पैरा को गौठान में दान करें। पैरा जलाने से जमीन की उर्वरा शक्ति घटती है और कृषि लागत भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि सरकार पहली बार हरेली, तीजा, विश्व आदिवासी दिवस और कर्मा जयंती पर शासकीय छुट्टी देने का फैसला किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा के लिखे गीत अरपा पैरी के धार…. को हमने राजगीत बनाया है।
कार्यक्रम को जिले के प्रभारी मंत्री श्री अमरजीत भगत और महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया ने भी सम्बोधित किया। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने जिले मंे हुए विकास से संबंधित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर जिले के अनेक जनप्रतिनिधि, सरपंच, पंच, किसान, गणमान्य नागरिक, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
Add Comment