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Budget 2020-21 की तैयारी शुरू

इनकम टैक्स नियमों पर सरकार ने मांगे सुझाव…

वित्त मंत्रालय ने अगले बजट की तैयारी शुरू करते हुए उद्योग व व्यापार संगठनों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में बदलाव के बारे में सुझाव मांगे हैं। संभवतः यह पहली बार है जबवित्त मंत्रालय ने इस तरह के सुझाव मांगे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2020-21 का बजट एक फरवरी 2020 को पेश करेंगी। उन्होंने अपने पहले बजट को संसद की मंजूरी मिलने के एक माह के भीतर सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए अतिरिक्त उपायों की घोषणा की थी। मंत्रालय बजट से पहले आम तौर पर विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों और अंशधारकों के साथ बजट-पूर्व विचार-विमर्श करता है। संभवतः यह पहला मौका है कि वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने सर्कुलर जारी करके व्यक्तिगत लोगों और कंपनियों के लिए इनकम टैक्स की दरों में बदलाव के साथ ही उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क जैसे अप्रत्यक्ष करों में संशोधन के लिए सुझाव मांगे हैं।
इस महीने की 11 तारीख को जारी सर्कुलर में उद्योग और व्यापार संघों से शुल्क ढांचे, इसकी दरों में बदलाव और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों का दायरा बढ़ाने के बारे में सुझाव आमंत्रित किए हैं। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सभी सुझाव आर्थिक रूप से उचित होने चाहिए। सर्कुलर में कहा गया है, ‘आपके सुझाव और विचारों के साथ उत्पादन, मूल्य और बदलावों का राजस्व पर असर के बारे में सांख्यिकी आंकड़े भी आने चाहिए।’
अक्टूबर की खुदरा महंगाई 15 माह में सबसे ज्यादा
खुदरा कीमतों के हिसाब से महंगाई दर अक्टूबर में बढ़कर 4.62 प्रतिशत हो गई, जो पिछले 15 महीनों में सबसे अधिक है। सितंबर में खुदरा महंगाई दर 3.99 प्रतिशत थी।
सरकार की तरफ से बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक मुख्य रूप से खाने-पीने के सामान महंगे होने से रिटेल की महंगाई दर बढ़ी है। पिछले साल अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 3.38 प्रतिशत थी। अक्टूबर, 2019 में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर बढ़कर 7.89 प्रतिशत रही, जो सितंबर में 5.11 प्रतिशत थी।
आरबीआई ने रिटेल महंगाई 4 प्रतिशत के आस-पास रखने का लक्ष्य रखा है, लेकिन जिस तरह से खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ रही हैं, उसके कारण खुदरा महंगाई दर इस लक्ष्य से ऊपर निकल गया है, जो चिंता की बात हो सकती है। पिछले कुछ महीनों से खाद्य महंगाई दर में लगातार इजाफा हुआ है। इस साल मई में खाद्य महंगाई दर 1.83 प्रतिशत थी जो अक्टूबर में बढ़कर 7.89 प्रतिशत हो गई।

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