भारत में बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन के सीईओ का कंपनी के भविष्य को लेकर बड़ा बयान आया है। कंपनी सीईओ निक रीड ने कहा कहा है कि अगर भारत में सरकार टेलीकॉम ऑपरेटर्स पर ज्यादा टैक्स और चार्ज लगाती रहेगी तो उनका भविष्य अधर में रहेगा। निक ने यह भी माना का यह कहना सही होगा कि स्थिति नाजुक है। निक का इशारा सरकार की तरफ से लगाई गई लाइसेंस फी और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज की तरफ था।
मंगलवार को वोडाफोन के सीईओ निक रीड ने एक बयान में कहा, “असहयोगी विनियमन और बहुत ज्यादा टैक्स की वजह से वित्तीय रूप से हम पर बहुत बड़ा बोझ है। इन सबसे ऊपर सुप्रीम कोर्ट में भी हमारे अनुकूल फैसला नहीं आया।”
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने वोडाफोन-आइडिया को लाइसेंस फी और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज के तौर पर करीब 40,000 करोड़ रुपए चुकाने को कहा था। सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। रीड ने कहा कि भारत में वोडाफोन ने 2018 में आइडिया सेल्युलर के साथ संयुक्त उपक्रम की शुरुआत की थी। वहां काफी लंबे समय से स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण है। लेकिन, अब भी वोडाफोन आइडिया के पास 30 करोड़ ग्राहक हैं, जो तकरीबन 30 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के बराबर है।
भारत में स्थिति नाजुक – भारत में दूरसंचार कंपनियों के भविष्य पर टिप्पणी करते हुए वोडाफोन के सीईओ ने कहा, “यह कहना सही होगा कि स्थिति नाजुक है।” अप्रैल-सितंबर तिमाही के दौरान भारत में वोडाफोन का परिचालन घाटा बढ़कर 5,464 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1,050 करोड़ रुपए रहा था। पिछले महीने के उलट रुखपिछले महीने वोडाफोन ने स्पष्ट किया था कि वह भारतीय बाजार में निवेश जारी रखेगी और उसने मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में सरकार से समर्थन मांगा था। वोडाफोन ग्रुप ने एक बयान जारी करके कहा था, “वोडाफोन को कुछ भारतीय मीडिया में चल रहे झूठे और आधारहीन अफवाहों की जानकारी है, जिसमें कहा जा रहा है कि हमने बाजार से बाहर निकलने का फैसला किया है। हम साफ-साफ कहना चाहते हैं कि ये रिपोर्ट्स सच नहीं, बल्कि विद्वेषपूर्ण हैं।”
सरकार से मांगी ये मदद –
– दो साल का स्पेक्ट्रम पेमेंट खत्म करना- लाइसेंस फी और टैक्स में कटौती करना
– सुप्रीम कोर्ट वाले मामले में ब्याज और जुर्माना माफ करना
दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर -वोडाफोन पीएलसी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर कंपनी है। 2019 की पहली छमाही में कंपनी की ऑर्गेनिक सर्विस आय वृद्घि महज 0.3 फीसदी रही है और ग्रोथ 1.4 फीसदी दर्ज की गई।
भारत में स्थिति – – 30 करोड़ ग्राहक – 30 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी
– 5,464 करोड़ रुपए का घाटा सितंबर तिमाही
– 1,050 करोड़ का घाटा हुआ था एक साल पहले
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