ब्रिटेन की लेबर पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कश्मीर पर अपने रुख से यू-टर्न ले लिया है, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय मूल के कई ब्रिटिश नागरिकों ने अपना वोट कंजर्वेटिव पार्टी को दे रहे हैं। लेबर विचारक-नेता जेरेमी कॉर्बिन के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। लेबर पार्टी के अध्यक्ष इयान लैवरी ने एक पत्र जारी कर कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए भारत की आलोचना की।
लैवरी ने हिंदुओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि पार्टी कश्मीर की स्थिति पर मौजूद संवेदनशीलता के बारे में पूरी तरह से अवगत है। उन्होंने एक बयान में कहा कि हम मानते हैं कि इमरजेंसी मोशन में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा से भारत और भारत के कुछ वर्ग के लोग आहात होंगे।
उन्होंने कहा कि पार्टी की आधिकारिक स्थिति यह थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर एक द्विपक्षीय मसला है, जिसे शांतिपूर्ण समाधान के रूप में एक साथ हल किया जाना चाहिए। इसके साथ ही कश्मीरी लोगों के मानवाधिकारों की सुरक्षा और अपने भविष्य के बारे में कहने के उनके अधिकार का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेबर पार्टी किसी अन्य देश के राजनीतिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप का विरोध करती है और कश्मीर मसले पर भारत-विरोधी या पाकिस्तान-विरोधी किसी भी स्थिति को नहीं अपनाएगी।
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कुछ भारतीय और हिंदू समूहों ने लेबर पार्टी के वोटों को कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवारों को दिए जाने के पक्ष में अभियान शुरू किया। उन्होंने लेबर पार्टी को भारत-विरोधी करार दिया। सितंबर में लेबर पार्टी के सम्मेलन में उन्होंने एक प्रस्ताव में कहा था कि स्वीकार करें कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और कश्मीर के लोगों को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार, आत्मनिर्णय का अधिकार दिया जाना चाहिए।
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