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बारनवापारा के रवान परिक्षेत्र मे सागौन कटाई करना था 95 घन मीटर कर दिया 230 घन मीटर

अलताफ़ हुसैन की कलम से..
रायपुर। वन विकास निगम मे बड़ी घोर लापरवाही बरती गई क्योंकि गणना और मार्किग के पश्चात सीधे थोड़ी बहुत कमोबेश नही बल्कि दोगुनी मात्रा मे सागौन विरलन कर दिया गया यह सीधे सीधे गढ़बड़ घोटाला कर भ्रष्टाचार करने की मंशा नही तो और क्या है ? बार नवापारा परियोजन मंडल अंतर्गत रवान परिक्षेत्र मे कक्ष क्रमांक 116 के टीपी 02 मे माह 07-05-2023 वित्तीय बर्ष 2022-2023 मे मौलिक विदोहन कार्य किया गया था जिसमे लगभग 95 अर्थात 100 घन मीटर का पातन किया जाना सुनिश्चित था परंतु रवान के अतिरिक्त आदेश पत्र के 95 घन मीटर के स्थान पर 230 से उपर अर्थात 130 घन मीटर अतिरिक्त विरलन कर दिया गया इस संदर्भ मे ज्ञात हुआ है की वन विकास निगम पातन कार्य से पूर्व एक अथवा दो वर्ष पूर्व गणना कार्य करती है जिसमे आगामी वित्तीय सत्र मे गणना और मार्किंग कर उतने ही कूप मे मार्किंग कर चालू वितीय वर्ष मे परिपक्व सागौन का विरलन करती है कटाई पश्चात काष्ठों पर गेरुए सफेद रंग मे नंबर मार्किंग कर काष्ठागार मे गणना संख्या अंकित की जाती है तथा वन क्षेत्रों से भेजे गए सागौन काष्ठों को मिलान कर मेजरमेंट किया जाता है परंतु बार स्थित रवान परिक्षेत्र के 95 घन मीटर के स्थान पर कुल 230 घन मीटर का सागौन विदोह कर दिया जो लगभग 13 ट्रक ट्राली सागौन परिवहन कर कोडार काष्ठागार भेज दिया गया। अन्य व्यक्ति के द्वारा लिखित मे शिकायत बार परियोजना के डिप्टी डी.एम चित्रा त्रिपाठी मैडम को दी गई थी जिन्हे उक्त कटाई की पूरी जानकारी थी मगर उन्होंने भी डिप्टी रेंजर लोकेश साहू को कटाई के संदर्भ मे रोकना मुनासिब नही समझा और चुप रहने की बात कही वही बार परियोजना के तत्कालिक डी. एम. बी रमन सोमावार को भी कक्ष क्रमांक 116 के इस बड़े सागौन कटाई की भनक थी सेवा निवृत होने के पूर्व जाते हुए वे बड़ा खेल खेलना चाहते थे मगर इसके पूर्व ही उनका अन्यंत्र तबादला हो गया और सारी मंशा उनकी धरी की धरी रह गई जबकि इसकी शिकायत बार परियोजना मंडल के वर्तमान डी. एम. रौनक गोयल आई.एफ.एस. अधिकारी को भी दी गई परंतु इस संदर्भ मे उनकी ओर से भी कोई वैधानिक कार्यवाही नही की गई केवल औपचारिक जांच किया जाता रहा ऐसा बताया जा रहा है। गौर तलब है कि 95 घन मीटर मे गणना 6890 नग मार्किंग कर यदि सीधे उनके काटे गए ठूंठ की संख्या की गणना की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा जबकि 95 घन मीटर जिसकी संख्या लगभग 6890 सागौन नग जो 21 वर्षीय था तब विरलन पश्चात 230 घन मीटर की गणना सागौन नग की संख्या साफ गणना की जा सकती है यानी पूर्व गणना के विरलन पश्चात उससे दो गुना अधिक कटाई की गई सागौन की संख्या कितनी होगी वह स्पष्ट हो जाएगा?
कोडार बांध के पीछे हिस्से मे स्थित लोहारडीह परस पानी ग्राम मे वर्ष 2019-2020 मे कक्ष क्रमांक 850, 859, 860 मे भी वन क्षेत्रों से प्लाटेंशन रोपण के नाम पर बड़ी संख्या मे भिन्न भिन्न प्रजाति के पेड़ पौधों का दोहन किया गया था उस समय भी काष्ठों की गड़बड़ी और घोटाला कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया था अब सवाल यह उठता है कि वन क्षेत्रों के वर्षों पुराने पेड़ पौधों की हरियाली का विदोहन् कर वन विकास निगम द्वारा विभागीय हित का लाभ उठाने सागौन प्लांटेशन करना कहाँ तक उचित है? यही नही वन क्षेत्रों मे फलदार औषधि युक्त पौधों की प्रचुरता रहती है परंतु ऐसे पौधों का बिरलान कर दिया जाता है वन विकास निगम चूंकि राज्य शासन से लीज मे ली गई अनुबंध के आधार पर वन क्षेत्र का अधिग्रहण कर मन माने ढंग से वनों का दोहन कर रहा है साथ ही सागौन पलांटेशन कर अपना आर्थिक हित पृथक रूप से साध रहा है एक प्रकार से आम के आम और गुठली का दाम का दोहरा लाभ उठा रहा है बदले मे वार्षोकी लाभांश के रूप मे राज्य सरकार को 2.26 करोड़ की राशि प्रदान कर अपने कर्तव्यों की इति श्री मान लेता है वही राज्य सरकार और मूल वन विभाग को चाहिए की इस संदर्भ मे कठोर नियम बनाने चाहिए की प्राचीन वन क्षेत्रों के पेड़ पौधे, हरियाली और पर्यावरण को वन विकास निगम द्वारा क्षति न पहुंचा कर पड़त भाटा भूमि मैदानी क्षेत्र मे सागौन प्लांटेनशन कर हरियाली प्रसार करे न की वन क्षेत्रों का विदोहन् किया जाए बताते चले कि छ्ग शासन और वन विभाग प्रदेश के वन क्षेत्रों का अस्तित्व बचाने नाना प्रकार के जतन कर करोड़ों रुयये लगाती है वही उसका अनुषंगिक धडा वन विकास निगम भीतर ही भीतर वन क्षेत्रों को खोखला करने मे कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है।

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