Chhattisgarh

छात्र बाल अधिकारों के लिए UNICEF के साथ करेंगे काम – NSS

सुनिश्चित करेंगे बच्चों के जीवित रहने-पनपने और समृद्ध रहने के अधिकार हो प्राप्त

संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकारों के कन्वेंशन की 30 वीं वर्षगांठ के अवसर पर, यूनिसेफ और राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) छत्तीसगढ़ ने राज्य में महिलाओं और बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक साथ काम करने का निर्णय लिया है. NSS के एक लाख से अधिक स्वयंसेवक यूनिसेफ और छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं ताकि हर बच्चे को उचित शिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य, सुरक्षित और संरक्षित वातावरण उपलब्ध हो सके.

“यह यूनिसेफ के लिए यह एक अनूठा और अमूल्य अवसर है की वे एनएसएस छत्तीसगढ़ के 1 लाख छात्र स्वयंसेवकों के माध्यम से बाल अधिकारों से जुडी जानकारी लोगों तक पहुंचाए और इनकी वकालत करें. आने वाले वर्षों में ये स्वयंसेवक राज्य के प्रत्येक गांव और राज्य में जाकर बाल अधिकारों पर चर्चा करेंगे”, जॉब जकरियाह, चीफ फील्ड अफसर, यूनिसेफ छत्तीसगढ़.

महिलाओं के खिलाफ भेदभाव में सामाजिक मानक जिम्मेदार- यूनीसेफ
एनएसएस के साथ, यूनिसेफ द्वारा छत्तीसगढ़ में बाल अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा और बाल-विशिष्ट योजनाओं-कार्यक्रमों से जुडी जानकारी राज्य भर के लोगों तक पहुँचाने का प्रयास करेगा. एनएसएस स्वयंसेवकों के रूप में नामांकित छात्रों द्वारा बच्चों, माता-पिता और अभिभावकों को बाल अधिकारों पर को उन्मुख किया जायेगा और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर ये सुनिश्चित किया जायेगा कि प्रत्येक बच्चे को उसके अधिकार प्राप्त हो. इस साझेदारी का उद्देश्य सभी क्षेत्रों में बच्चों के लिए एक सहायक वातावरण का निर्माण करना है. सामाजिक सेवा शिविर के माध्यम से एनएसएस सभी सेवा प्रदाताओं, माता-पिता और अभिभावकों से सीधा संपर्क बनाएगा.

78 हजार बच्चों की मृत्यु के जिम्मेदार वायरस से मासूमों को बचाने सरकार उठाने जा रही यह कदम, यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ बने सहभागी
1000 से अधिक एनएसएस शिविरों में, छात्र एनीमिया, कुपोषण, टीकाकरण, शिक्षा का अधिकार और बच्चों के खिलाफ हिंसा जैसे प्रमुख मुद्दों पर जानकारी साझा करेंगे. छात्र स्वयंसेवक स्थानीय अधिकारियों और सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चों को बुनियादी और आवश्यक सेवाओं का लाभ प्राप्त हो. छात्र अपने संबंधित गांवों, कस्बों और शहरों में बाल अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से प्रचार करेंगे. यूनिसेफ और एनएसएस बच्चों की भलाई से जुड़े कार्यों और जानकारियों को साझा करने और इन्हे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भी एक साथ आएंगे.

UNICEF और WHO की रिपोर्ट- हर साल समय से पूर्व जन्म लेने वाले और बीमार 30 मिलियन बच्चों को इलाज की आवश्यकता
यूएनसीआरसी की 30 वीं वर्षगांठ के अवसर पर, छत्तीसगढ़ के एनएसएस प्रमुख डॉ समरेंदर सिंह ने कहा, “यूनिसेफ के साथ साझेदारी ने बच्चों पर ध्यान देने के साथ सामाजिक कल्याण गतिविधियों का एक मेनू खोला है”. डॉ सिंह ने कहा कि NSS स्वयंसेवक बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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