पैसा ही सबकुछ नहीं होता पैसे से बड़ा होता है किसी व्यक्ति का मान और सम्मान और खासकर तब जब वह एक पत्रकार की भूमिका निभाते हुए भ्रष्ट खबरों को उजागर करता है। लेकिन शर्म की बात तो यह है कि छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड में जिस पत्रकार को सरेआम जलील करते हुए उस पर लात घूंसे बरसाए गए थे सूत्रों के मुताबिक उनके लिए सहानुभूति दिखाना छोड़ *प्रेस क्लब के एक अधिकारी इस मामले में समझौता कराने की बात कह रहे हैं?* अगर यह वाकई सच है तो यह कहने में हर्ज नही की बेहद ही शर्मनाक तरीके की राजनीति प्रेस क्लब में हो रही है। किसी व्यक्ति के आत्म सम्मान को ठेस पहुंचा है उसकी परवाह किए बिना प्रेस क्लब के अधिकारी इतने बड़े मामले में भी पत्रकार को न्याय दिलाना छोड़ समझौता कराने की बात कहकर अपना लाभ देख रहे है? जानकारी के अनुसार प्रेस क्लब के एक व्यक्ति सच के लिए आवाज उठाना छोड़ बिचौलिये की भूमिका निभा रहे हैं। और अगर वाकई ऐसा होता है तो यह बेहद शर्मनाक और सभी पत्रकारों के लिए शर्म की बात होगी।
नितिन लॉरेंस
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