सूरज पुर कलेक्टर को तत्काल हटा कर मुख्यमंत्री ने बता दिया छत्तीसगढ़ में प्रशानिक आतंक का युग बीत चुका है-कांग्रेस
कांग्रेस के ढाई साल बनाम भाजपा के पन्द्रह साल का फर्क साफ दिखने लगा
रायपुर 23 मई 202/ एक युवक से अभद्रता करने और सार्वजनिक पिटाई की घटना सामने आने पर सूरजपुर के कलेक्टर को हटाए जाने के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्णय को कांग्रेस ने भाजपा और कांग्रेस की विचारधारा के बुनियादी फर्क का परिणाम बताया है । प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश की जनता भूली नही है किस प्रकार भाजपा शाषित त्रिपुरा में एक कलेक्टर ने शादी समारोह में आये अथितियों और घर वालो से दुर्व्यवहार किया था और उस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने में हप्ता लग गया था कार्यवाही तब हुई जब पूरे देश की मीडिया और सोशल मीडिया ने कार्यवाही का दबाव बनाया ।छत्तीसगढ़ में सूरजपुर की घटना सामने आने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर को हटाने का आदेश जारी करवा दिया।
प्रदेश कांग्रेसप्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस के राज के ढाई साल और भाजपा के राज के पन्द्रह साल का बुनियादी फर्क साफ दिखने लगा है। सूरजपुर कलेक्टर को हटा कर मुख्यमंत्री ने बता दिया छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक अराजकता और प्रशासनिक आतंक का वह युग बीत चुका है जिसका उल्लेख स्वयं तत्कालीन भाजपा नेता स्व दिलीप सिंह जूदेव और पूर्व सांसद रमेश बैस अनेको बार कर चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन राज में जनता से व्यवहार का आलम यह था थाने में लोगो की हत्याएं हो जाती थी कार्यवाहियां नही होती थी ।
सूरजपुर की घटना पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तत्काल संज्ञान लिया, रात की घटना थी और बिना कोई विलंब के कलेक्टर को सुबह ही हटा दिया गया। मुख्यमंत्री ने पीड़ित बच्चे और उनके परिजनों से खेद व्यक्त किया बच्चे को नया मोबाइल दिलवाने के आदेश दिया।
वहीं दूसरी ओर रमन राज के 15 साल के कुशासन में प्रशासनिक आतंकवाद चरम पर था। मूलमुला की घटना छत्तीसगढ़ वासी आज़ तक भूले नहीं है, किस प्रकार से सतीश नोरगे नामक युवक को थाने में पीट-पीटकर मार दिया गया था। मुंगेली के धन्नू बांधे, कवर्धा में थाने पीट-पीटकर मारने के बाद बताया गया था कि ट्रांसफार्मर में चढ़ने से करेंट लगने से मौत और बलौदा बाजार के सुहेला के राम कुमार ध्रुव की पुलिस प्रताड़ना की मौत भी सर्वविदित है। मीना खलखो और मडकम में मामले में अंतरराष्ट्रीय मीडिया में किरकिरी होने के बावजूद रमन सरकार लीपापोती मोड से बाहर ही नहीं निकल पाई। आज भी याद है रमन सिंह का व अहंकारी उद्बोधन जिसमें साइंस सिटी के उद्घाटन के समय रमन सिंह ने खुलेआम कहा था कि यदि पुत्र गलती करे तो पिता को उल्टा लटका कर मारना चाहिए। बरौंडा में काला झंडा दिखाने और सांकेतिक विरोध प्रदर्शन पर रमन सिंह के इशारे पर एक युवा की वालों के द्वारा अधमरा होते तक पिटाई आज भी छत्तीसगढ़ वासी नहीं भूले।
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