नए साल कुछ ऐसे आना….
जैसे खोये ख़त मिल जाये ,
जैसे सपने सच हो जाए ,
अंधियारी लम्बी रातों में,
जैसे तारे राह बताये ,
नए साल कुछ ऐसे आना…..
माँ की गोद में सर हो जैसे ,
और बरगद की छाया हो ,
चाँद उठाये कोई परिंदा,
दूर देश से आया हो ,
नए साल कुछ ऐसे आना…..
रेगिस्तान में बादल छाये ,
सुखी नदिया भर-भर जाये ,
सूरज से तपती धरती पर ,
आशा की फसलें पक जायेँ ,
नए साल कुछ ऐसे आना…
होली की पिचकारी जैसे ,
बच्चों की किलकारी जैसे ,
मन खुशियों से भर देना ,
मधुबन की खुश्वारी जैसे ,
नए साल कुछ ऐसे आना…
न्याय मिले जैसे पीड़ित को ,
भटके को ज्यों राह मिले ,
जीवन की सारी खुशियों में ,
भूले बिसरे गाँव मिले ,
नए साल कुछ ऐसे आना…..
बिछड़े दोस्त मिले ऐसे की ,
जैसे कटी पतंग मिल जाये ,
और मिलन का सुख हो ऐसा ,
मीत कोई सीने लग जाये ,
नए साल कुछ ऐसे आना…..
जुल्म के सब परचम झुक जाये ,
दुनिया में शोषण रुक जाये ,
सद्बुद्धी आये सत्ता को ,
कोई न अपना मन गवायें ,
नए साल कुछ ऐसे आना…..
बच्चो की मुठी में तारे ,
अँधियारे जब हारे सारे ,
सब अपनी मंजिल पा जाये ,
सबके हों बस वारे न्यारे ,
नए साल कुछ ऐसे आना…..
याद करें जब-जब भी तुमको ,
चेहरों पर मुस्कान खिले बस ,
बात करें जब-जब भी तेरी ,
नए वर्ष का गान हो केवल ,
नए साल कुछ ऐसे आना….
नववर्ष की शुभकामनाएँ !
*AQ*..
Add Comment