छत्तीसगढ़ मातृभूमि से प्रेम विभाश्री साहू का उनके छत्तीसगढ़िया काव्य रचनाओं से दर्शाता हैं कि वे विदेश में भी रह कर अपनी संस्कृति को अपनाये हुए हैं जिसका इज़हार अपनी रचनाओं से करते रहते हैं इसी कड़ी आगें बढ़ाते हुए कुछ उनकी काव्य रचनाऐ…
निमगा छत्तीसगढ़ीनिन के गोठ सुनव
छत्तीसगढ़ी हमरगोठ के काव्य डुबकी म।
छत्तीसगढ़ी म लिखे, अपन कविता म गोबर के महत्व ल बतावत हवे
छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया..
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