कलेक्टर पद से हटते ही NGO संचालिका ने किया पूरे मामले का खुलासा, FIR दर्ज की गयी, कई और अफसर सकते में
जांजगीर चांपा में NGO संचालिका से न केवल सेक्स की डिमांड की गयी बल्कि कलेक्टर चेंबर में ही सेक्सुअल रिलेशन भी बने
रायपुर/ हनी ट्रेप केस देश में सुर्खियों में रहा। उसी समय से यह संकेत मिल रहे थे कि छत्तीसगढ़ में इस तरह का स्कैंडल चल रहा है। जिसके शिकार कुछ IAS अधिकारी, नेता और बड़े पत्रकार हैं। इनमें से एक IAS अधिकारी जनक प्रसाद पाठक की कहानी खुलकर सामने आ गयी है। IAS जनक प्रसाद पाठक जांजगीर चांपा में कलेक्टर पद पर पदस्थ रहे। चार दिन पहले ही उन्हें वहां से हटा मंत्रालय में भू-अभिलेख विभाग में भेज दिया गया। जांजगीर चांपा से हटते ही एक NGO संचालिका सामने आयी और उसने जनक प्रसाद पाठक का कच्चा चिट्ठा सबके सामने रख दिया।
NGO संचालिका का कहना है कि जांजगीर चांपा के तत्कालीन कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक से वह 13 मार्च 2020 को एनजीओ को कार्य आवंटन के सिलसिले में मिली थीं। उस समय जनक प्रसाद पाठक ने उसका मोबाइल नंबर ले लिया था।
इसके बाद वह उसे फोन करने लगे और whatsapp काल करके न केवल सेक्स की डिमांड करने लगे बल्कि whatsapp पर महिला से अंत: अंगो की तस्वीरें भी शेयर करने लगे। हद तो तब हो गयी जब 15 मई 2020 को उन्होंने कलेक्टर चेंबर में ही सेक्सुअल रिलेशन भी स्थापित कर लिया।
इस बीच NGO संचालिका को काम दिलाने का झांसा दिया जाता रहा। अब जब कलेक्टर पद से जनक प्रसाद पाठक का तबादला हो गया तो NGO संचालिका 3 जून 2020 को सामने आयी और मौजूदा कलेक्टर यशवंत कुमार को प्रर्थना पत्र देकर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। इसके बाद कलेक्टर यशवंत कुमार ने SP पारूल माथुर को पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। SP पारुल माथुर ने ASP मधुलिका सिंह और संतोष के साथ करीब दो घंटे तक NGO संचालिका से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान एनजीओ संचालिका ने IAS अधिकारी जनक प्रसाद से whatsapp पर शेयर की गई तस्वीरों और मैसेज के स्क्रीन शॉट को SP को उपलब्ध कराया। इस आधार पर 3 जून की देर रात जांजगीर चांपा में आईएएस जनक प्रसाद पाठक के विरुद्ध भादवि की धारा 376, 506, 509 (ख) के तहत प्राथमिकी दर्ज किया है। इस घटनाक्रम के बाद अफसरशाही में हड़कंप मच गया है। कई और अफसर सकते में आ गये हैं।
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