नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पारित हो चुका है। इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक (बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई, हिंदू, पारसी) शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। वहीं, इस बिल का विपक्ष विरोध कर रहा है तो वहीं, मुस्लिम लीग ने इस बिल के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही है।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ याचिका दाखिल करेगी। मुस्लिम लीग ने इसके पहले भी कहा था कि अगर ये बिल राज्यसभा में पारित हुआ इसके खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। मुस्लिम लीग का कहना है कि ये विधेयक असंवैधानिक है और इसमें धर्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान है। मुस्लिम लीग का कहना है कि ये बिल संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन करता है। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल मुस्लिम लीग का पक्ष रखेंगे। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन विधेयक के पास होने के बाद जहां बीजेपी खेमे में खुशी है, वहीं दूसरी ओर पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बिल के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। हालात बिगड़ने के बाद असम के गुवाहाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। कांग्रेस ने भी इस विधेयक को संविधान विरोधी बताया है। वहीं, मुस्लिम लीग के अलावा जमीअत उलेमा-ए-हिंद भी सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन विधेयक को चुनौती देगी। गौरतलब है कि राज्यसभा में बुधवार को ये बिल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया था, वोटिंग के दौरान इस बिल के पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 वोट पड़े। जबकि शिवसेना ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था और वोटिंग से पहले शिवसेना सांसदों ने वॉक आउट कर दिया था। राज्यसभा में पारित होने के बाद अब इस बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा, उनकी मंजूरी के बाद ये कानून की शक्ल से लेगा।
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