Chhattisgarh National Politics Raipur CG

नगरिकता संशोधन बिल का मकसद देश में कटुता फैलाना और धर्म के आधार पर नागरिकता संविधान के साथ छल है : कांग्रेस

देश के विभाजन के जिम्मेदार हिन्दू महासभा और मुस्लिम लीग – कांग्रेस

रायपुर/11 दिसंबर 2019/ नागरिकता पर संविधान संशोधन बिल का विरोध करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि इसका सिर्फ और सिर्फ एक मकसद है कि देश में किस तरह से कटुता पैदा की जाए? समुदायों को एक दूसरे के खिलाफ कैसे किया जाए, ये इस सरकार की रणनीति है।
जिन आदर्शों पर स्वतंत्र भारत का जन्म हुआ, उन्हीं मूल आदर्शों के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा लाये गये नागरिकता बिल का विरोध करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि स्वतंत्र भारत के संवैधानिक ढांचे में जिन संवैधानिक मूल्यों के प्रति हमने अपनी निष्ठा बनाए रखी। यह बिल इन्हीं मूल्यों के खिलाफ भारत आज एक शक्तिशाली लोकतांत्रिक देश है। मुझे लगता है कि जो भी बिल हमारे संविधान के विरोध में है, हमारे संवैधानिक मूल्यों के विरोध में है, वो हमारे भारत को कमजोर करता है। हमारा भारत तभी एक शक्तिशाली देश रह सकता है, जब हम अपने संविधान को जीवित रखें एवं उसको और ताकतवर बनायें न कि मोदी सरकार की तरह उस पर हमला करें।
हमारे संविधान में विभिन्न आर्टिकल हैं, आर्टिकल – 5, आर्टिकल -10, आर्टिकल – 14, जिनका उल्लंघन ये बिल करता है। हमारे संविधान की प्रस्तावाना में ही जिस समानता की बात की गई है और वही समानता इस बिल में नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि ये बिल पूरी तरह से एक राजनीतिक उद्देश्य से लाया गया है, वर्तमान जीडीपी जो आज 5 प्रतिशत तक गिर चुकी है, उससे ध्यान हटाने के उद्देश्य से है, एनआरसी को लेकर जो भूल हुई है, उससे ध्यान हटाने के उद्देश्य से है।
हमारा प्रश्न ये है कि मोदी सरकार जब असम में 3 करोड़ आबादी के लिए एक सही एनआरसी नहीं ला पाए, तो 130 करोड़ जनसंख्या के लिए एनआरसी कैसे ला पायेगी? 6 साल बाद और लगभग 600 करोड़ खर्च करने के बाद 3 करोड़ लोगों को एक सही एनआरसी नहीं दे पाए, 2014 में भाजपा सरकार आने के बाद, असम में 2016 में विधानसभा सरकार लाने के बाद, तो देशभर में कैसे लाएंगे? तो इस बिल का जो मूल सिद्धांत है, मूल राजनीतिक इद्देश्य है, वो पूरा देश समझ रहा है। इसलिए कांग्रेस इस बिल का विरोध सदन के अंदर, सदन के बाहर, पूरे देश में कर रही है।
ये बिल सीधे-सीधे असम में जो एनआरसी में बीजेपी सरकार की नाकामयाबी को छुपाने का ये एक प्रयास है। असम में 19 लाख लोग आज एनआरसी से वंचित है और इसमें से कई लोग ऐसे हैं जो भारतीय नागरिक हैं। जो समाज में कभी बहुत ही सम्मानित पद पर थे, ऐसे व्यक्ति भी एनआरसी से वंचित हैं। जिनको भारत सरकार ने साहित्य अकादमी का पुरस्कार दिया है। इन खामियों को छुपाने के लिए मोदी सरकार द्वारा ये सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल लाया जा रहा है।
भाजपा का राजनीतिक उद्देश्य है कि लोगों के बीच में विभाजन करके कैसे वोट बंटोरा जाए। जब शुरुआती तौर पर एनआरसी से 40 लाख लोग वंचित थे, उस समय कई जगह वर्तमान गृहमंत्री, अमित शाह जी ने चुनावी सभाओं में कहा ये 40 के 40 लाख घुसपैठिए थे। बाद में अमितशाह गलत साबित हुए, क्योंकि 40 लाख से काफी कम एनआरसी में आ गए जो भारतीय नागरिक हैं। जिस भाजपा को घुसपैठिए शब्द से इतनी आपत्ति है, उनके गृह मंत्री अमितशाह को तो पहले माफी मांगनी चाहिए कि उन्होंने असम के कितने भारतीय नागरिकों को घुसपैठिया शब्द कहकर अपमानित किया। कितने गोरखा समाज के लोग हैं, जिन्होंने हमारी सीमा की सुरक्षा की है, उनका घुसपैठिया कहकर अपमान किया गया? पहले उसके लिए भाजपा माफी मांगे। कितने हमारे बिहार, उत्तर प्रदेश से लोग हैं, जो असम में कितने वर्षों से बसे हुए हैं, काम कर रहे हैं, मजदूरी कर रहे हैं, उनको घुसपैठिए कहकर अपमानित किया, पहले उसके लिए गृहमंत्री अमित शाह माफी मांगे।
उत्तर पूर्वांचल, असम और विभिन्न उत्तर पूर्वांचल प्रदेशों में इतने सालों बाद लोगों के बीच में जो एक अमन, चैन और शांति का वातावरण बना है उसे भाजपा सरकार तोड़ने और बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। हमारे उत्तर पूर्वांचल में विभिन्न समुदाय, विभिन्न धर्म और विभिन्न भाषाओं के लोग हैं। बड़ी मुश्किल से वापस उत्तर पूर्वांचल में एक शांति, अमन और चैन का वातावरण बना है, उसी शांति, अमन और चैन को भाजपा सिर्फ अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस बिल के द्वारा बिगाड़ रही है। कांग्रेस पार्टी का किसी भी शरणार्थी को, अगर वो अपने मुल्क में प्रताड़ित है और हमारे यहाँ शरण चाहता है, उससे हमारा बिल्कुल कोई विरोध नहीं है। हमारा ये मानना है कि इस देश में एक व्यापक और इनक्ल्यूजिव रिफ्यूजी लॉ बनना चाहिए और क्योंकि सरकार रिफ्यूजी और इललीगल माइग्रेंट्स में फर्क करती है और ये बात सही है कि सटीक फर्क है, तो इललीगल माइग्रेंट्स को भी लेकर एक व्यापक विधेयक की जरुरत है, जो आम चर्चा के बाद बनना चाहिए।

शाह बतायें देश की आजादी की लड़ाई में भाजपा के पितृ संगठन का क्या योगदान था?
> गृहमंत्री अमित शाह द्वारा भारत के धार्मिक विभाजन के लिए, कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार ठहराना बिल्कुल गलत है, झूठ है, बेबुनियाद है, तथ्यों से परे है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारत के विभाजन की असली जिम्मेदार भाजपा का पितृ संगठन हिन्दू महासभा और मुस्लिम लीग थे। हिन्दू महासभा और मुस्लिम लीग यह दोनों संगठन ही अंग्रेजी साम्राज्य के ईशारे पर देश में धर्म और संप्रदाय के आधार पर राजनीति शुरू करने के गुनाहगार है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अंग्रेजों के फूट डालो और राज करो नीति को खाद पानी हिन्दू महासभा और मुस्लिम लीग ने दिया। टू नेशन थ्योरी के लिए असली जिम्मेदार हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग है। 3 बार हिंदू महासभा ने मुस्लिम लीग के साथ मिलकर स्वाधीनता से पहले सरकारें बनाई। मुस्लिम लीग के, उसमें मंत्री कौन शामिल हुए-श्यामा प्रसाद मुखर्जी। मुस्लिम लीग की सरकार में मंत्री थे बंगाल में -श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी और उस सरकार की सराहना किसने की – सावरकर ने। एनडब्ल्यूएफपी, सरदार औरंगजेब खान, जो मुस्लिम लीग के थे, उन्होंने सरकार बनाई और हिंदू महासभा के मेहर चंद खन्ना, उस सरकार में वित्त मंत्री थे और हिंदू महासभा एवं आर.एस.एस. के बहुत घनिष्ठ रिश्ते थे। इतिहास के पन्ने खोलेंगे तो बहुत मधुर रिश्ते थे सावरकर के डा. हेडगेवार के साथ। ये टू नेशन थ्योरी की बुनियाद कांग्रेस पार्टी ने नहीं रखी थी, टू नेशन थ्योरी की बुनियाद एक तरफ हिंदू महासभा ने रखी थी और दूसरी तरफ मुस्लिम लीग ने रखी थी। वो इसलिए क्योंकि जो अंग्रेजी साम्राज्यवाद था, वो कांग्रेस पार्टी को कमजोर करना चाहते था। कांग्रेस पार्टी आजादी की लड़ाई लड़ रही थी, जब बगैर भारत के लोगों से पूछे 1 सितंबर, 1939 में भारत को दूसरे महायुद्ध में शामिल किया गया और कांग्रेस की मिनिस्ट्रियों ने सूबों में इस्तीफा दिया, तो इन लोगों ने चाहे वो हिंदू महासभा वाले हों, चाहे मुस्लिम लीग वाले हों, उन्होंने उन सरकारों को चलाया, जब कांग्रेस के नेता आजादी के आंदोलन में सारे जेल चले गए।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा और अमित शाह में साहस हो तो कांग्रेस पर झूठे आरोप मढ़ने के बजाय देश की आजादी की लड़ाई में भाजपा के पितृ संगठनों के योगदान को बतायें? हिन्दू महासभा का गठन 1925 में हुआ, देश आजाद 1947 में हुआ। इन 25 सालों में हिन्दू महासभा ने देश की आजादी के आंदोलनों के लिये क्या किया था? इतिहास इस बात को प्रमाणित करता है कि अगर भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ तो उसकी बुनियादी नींव हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग ने रखी थी।

About the author

Mazhar Iqbal #webworld

Indian Journalist Association
https://www.facebook.com/IndianJournalistAssociation/

Add Comment

Click here to post a comment

Follow us on facebook

Live Videos

Breaking News

Advertisements

Advertisements

Recent Posts

Advertisements

Advertisements

Our Visitor

0551957