जिला अस्पताल में मुफ्त में हुआ गेंदी बाई का सफल ऑपरेशन
दुर्ग 7 दिसंबर 2019/ औंधी की गेंदा बाई को दिखने में काफी समस्या कई दिनों से बनी थी। रात को तो वो कुछ भी काम नहीं कर पा रही थी। फिर भी आंखों की चेकअप के लिए दूर जाना पड़ेगा, सोचकर वो टालती जा रही थी। १५ नवंबर को जब वे औंधी में जब वे बाजार में खरीदारी के लिए गईं तो देखा कि वहीं पर मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक के अंतर्गत हेल्थ कैंप लगाया गया है। नेत्र सहायक श्रीमती कौर ने गैंदी बाई की समस्या सुनी और जांच की तो पता लगा कि उनको मोतियाबिंद है। श्रीमती कौर ने उनकी जांच के बाद शासन द्वारा निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन की जानकारी दी। पूरी काउन्सलिंग के बाद मितानिन के माध्यम से गैंदी बाई को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद 6 दिसंबर को आयोजित हाट बाजार क्लिनिक में फिर से फॉलो अप जांच की गई।
ऑपरेशन पश्चात उनकी दृष्टि बहुत अच्छी 6/18 हैं। हाट बाजार क्लिनिक में दी जा रही सेवाओं का श्रीमती गेंदी बाई ने स्टाफ को धन्यवाद दिया एवं आभार व्यक्त किया। गेंदी बाई ने बताया कि घर वाले भी बहुत खुश हैं। इतने तेजी से मेरा इलाज हुआ। आपरेशन में भी थोड़ा ही समय लगा और पूरे स्वास्थ्य विभाग के अमले ने पूरा सहयोग किया। गेंदी बताती हैं कि मेरी जैसी कई महिलाओं को भी देखने में समस्या है लेकिन वे अस्पताल नहीं जाती। अब मैं सभी से मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक में आंखों की जांच कराने कहूँगी। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए बीएमओ पाटन डाक्टर आशीष शर्मा ने बताया कि हाट बाजार क्लीनिक में बहुत से मामले पता लग रहे हैं । जिसे सामान्य त्वचा रोग समझा जा रहा था जांच में पता लगा कि कुष्ठ है। सही समय पर रोगी को इलाज मिल गया। महिलाओं में एनीमिया का पता लग रहा है, शुगर बीपी की मुफ्त जांच हो रही है। इन स्वास्थ्य शिविरों ग्रामीणों को अपने गांव के बाजार में ही मुफ्त में ही जांच और दवाई मिलने लगी है। अगर मामला थोड़ा भी गंभीर नजर आता है तो उसे जिला अस्पताल रेफर किया जाता है जिससे समय रहते रोगी को इलाज उपलब्ध होने लगा है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक के तहत हर गाँव हर घर तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने की कोशिश रंग लाने लगी है। साथ ही अस्पताल को अपने नजदीक पाकर ग्रामीणों में भी अपनी सेहत के प्रति जागरुकता बढ़ी है। आम तौर पर गांव के लोग तब तक अस्पताल का रुख नहीं करते जब तक हाथ पैर चल रहे हैं। लेकिन हाट बाजार में नियमित रूप से हेल्थ कैम्प देखकर ग्रामीण वहाँ पहुँचकर स्वास्थ्य जांच करवा रहे हैं। जिससे दबी हुई बीमारियों जिन्हें आम तौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता था वो भी सामने आने लगीं हैं।
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