4 बागी जजों को शिवसेना का समर्थन..
उद्धव के मुताबिक सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और जजों के खिलाफ कोई एकतरफा कार्रवाई भी नहीं करनी चाहिए. ठाकरे के मुताबिक शोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले के सीबीआई जज लोया की मौत के मामले में जांच होनी चाहिए. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी सुप्रीम कोर्ट के चार जजों जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ का समर्थन किया है. ठाकरे ने न्यायपालिका के मसले को जाहिर करने के लिए जजों की प्रशंसा की है, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम को चौंकानेवाला बताया है.
‘मामले में सरकारी हस्तक्षेप ना हो’
उद्धव के मुताबिक सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और जजों के खिलाफ कोई एकतरफा कार्रवाई भी नहीं करनी चाहिए. ठाकरे के मुताबिक शोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले के सीबीआई जज लोया की मौत के मामले में जांच होनी चाहिए. ठाकरे ने कहा कि अगर कुछ गलत नहीं है तो किसी को भी जांच-पड़ताल से क्या दिक्कत हो सकती है.
‘सीबीआई जज लोया मामले की हो जांच’
बता दें कि कांग्रेस ने भी जज लोया की मौत की शीर्ष स्तरीय जांच कराने की मांग की है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है, ‘सुप्रीम कोर्ट के जजों ने जो सवाल उठाए हैं, वो बेहद जरूरी हैं. इनको ध्यान से देखा जाना चाहिए और इसको सुलझाया जाना चाहिए. जजों ने सीबीआई जज लोया की मौत का मामला उठाया है, जिसकी शीर्ष स्तरीय जांच होनी चाहिए. जो हमारा लीगल सिस्टम है, उस पर हम सब और पूरा हिंदुस्तान भरोसा करता है.’
चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस, SC में सबकुछ ठीक नहीं
आपको बता दें कि शुक्रवार सुबह देश में पहली बार न्यायपालिका में असाधारण स्थिति देखी गई. सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों ने मीडिया को संबोधित किया. चीफ जस्टिस के बाद दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टिस चेलमेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कभी-कभी होता है कि देश में सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था भी बदलती है.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है, अगर ऐसा चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से बात की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी.
चारों जजों ने कहा कि अगर हमने देश के सामने ये बातें नहीं रखी और हम नहीं बोले तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा. हमने चीफ जस्टिस से अनियमितताओं पर बात की. उन्होंने बताया कि चार महीने पहले हम सभी चार जजों ने चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखा था, जो कि प्रशासन के बारे में थे, हमने कुछ मुद्दे उठाए थे. चीफ जस्टिस पर देश को फैसला करना चाहिए, हम बस देश का कर्ज अदा कर रहे हैं.
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