महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी है. जस्टिस एनवी रमन, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच रविवार को इस मामले पर सुनवाई करने वाली है. इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि बीजेपी को समर्थन देकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने का फ़ैसला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नहीं बल्कि अजित पवार का निजी फ़ैसला है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण के थोड़ी देर बाद ही ट्वीट करते हुए देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को बधाई दी और विश्वास जताया कि दोनों नेता मिलकर महाराष्ट्र के भविष्य के लिए मिल-जुलकर काम करेंगे.
गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट किया है और लिखा, “फडणवीस जी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अजित पवार जी को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक बधाई. मुझे विश्वास है कि यह सरकार महाराष्ट्र के विकास और कल्याण के प्रति निरंतर कटिबद्ध रहेगी और प्रदेश में प्रगति के नये मापदंड स्थापित करेगी.”
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शपथ लेने के बाद कहा, ”हमारे साथ चुनाव लड़ने वाली शिव सेना ने जनादेश का निरादर करते हुए अन्य दलों के साथ सरकार बनाने की कोशिश की जिससे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा. लेकिन महाराष्ट्र में खिचड़ी सरकार नहीं बल्कि स्थायी सरकार चाहिए थी, इसलिए एनसीपी हमारे साथ आई है.”
‘अजित पवार नज़रें नहीं मिला पा रहे थे’
शिव सेना सांसद संजय राउत ने कहा, “अजित पवार कल रात नौ बजे तक बातचीत में शामिल थे. वो नज़रें नहीं मिला पा रहे थे और बीच में चले गए थे. हमें शक हुआ था.” शुक्रवार को शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं की बैठक हुई थी. बैठक ख़त्म होने के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि सीएम पद के लिए उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी है. बाक़ी मुद्दों पर शनिवार को चर्चा होनी थी मगर सुबह-सुबह शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने दावा किया, “हमारे पास 170 से ज़्यादा विधायकों का समर्थन है. अजित पवार ने अपने विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिया है. वे एनसीपी विधायक दल के नेता हैं, यानी एनसीपी के विधायकों ने हमें समर्थन दिया है.” शिव सेना सांसद संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी पर राजभवन के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, “यह इस देश के लोकतंत्र को शोभा नहीं देता. सत्ता और पैसे का ग़ैरक़ानूनी ढंग से इस्तेमाल किया गया है.” संजय राउत ने कहा, “मैं मानता था कि राज्यपाल ऐसे व्यक्ति हैं जो आरएसएस से आए हैं और संस्कारी हैं. मगर अंधेरे में पाप, डकैती और चोरी होती है. सरकार को जिस तरह से जल्दबाज़ी और अंधेरे में शपथ दिलाई गई, वह छत्रपति शिवाजी के महाराष्ट्र को शोभा नहीं देता.”
एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, “जिस तरह से सुबह महाराष्ट्र में शपथ हुआ, जिस पत्र के आधार पर शपथ दिलाई गई, वो विधायकों के पत्र का दुरुपयोग किया गया है. जो हाज़िरी के लिए हमने दस्तख़त लिए थे, उसे लेकर राज्यपाल को दिया गया जिसके आधार पर शपथ-ग्रहण हुआ है.” महाराष्ट्र बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता माधव भंडारी ने बीबीसी संवाददाता ज़ुबैर अहमद से बातचीत में दावा किया कि ” विधानसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार जी ने हमें समर्थन पत्र दे दिया है. आने वाले एक हफ़्ते में विधान सभा में सारी तस्वीर साफ़ हो जाएगी. हमारी सरकार पूरे पांच साल चलेगी.”
महाराष्ट्र में बदलते घटनाक्रम पर कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया, “मुझे लगा ये फ़ेक न्यूज़ है. साफ़ तौर पर कहूँ तो हमारी तीन पक्षीय वार्ता तीन दिन से ज़्यादा लंबी नहीं खिंचनी चाहिए थी. ऐसे में जो मौक़ा था, उसे उन्होंने लपक लिया जो तेज़ थे. पवार जी तुस्सी ग्रेट हो!” एनसीपी नेता शरद पवार, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल ने वाईबी चव्हाण सेंटर में कांग्रेस-एनसीपी-शिव सेना की साझा वार्ता की. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस के लिए पहुँचे. लेकिन कांग्रेस का कोई नेता शामिल नहीं हुआ. शरद पवार ने कहा कि अजित पवार के उप-मुख्यमंत्री बनने के फ़ैसले का एनसीपी से कोई संबंध नहीं है. शरद पवार ने अजित पवार के फ़ैसले को एनसीपी की विचारधारा के ख़िलाफ़ बताया और कहा कि इस संबंध में पार्टी एक्शन लेगी. शरद पवार ने यह दावा भी किया कि जो भी विधायक अजित पवार के साथ गए थे, वे वापस आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि विधायकों को पता नहीं था कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है और उन्हें शपथ लेने का भी पता नहीं था. साझा प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा, “उन्हें शिव सेना के विधायकों को तोड़ने की कोशिश करने दीजिए, महाराष्ट्र सोया नहीं रहेगा.”
शिव सेना और एनसीपी की संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बाद कांग्रेस ने भी पत्रकारों से बात की. पार्टी नेता अहमद पटेल बोले, “हमारे विधायक हमारे साथ हैं. सरकार बनाने में हमारे कारण देरी नहीं हुई.” अहमद पटेल ने कहा, “महाराष्ट्र के इतिहास में आज का दिन काला धब्बा है. सब कुछ सुबह-सुबह और जल्दबाज़ी में किया गया. कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ है. इससे ज़्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता.”
वहीं शरद पवार ने दावा किया कि ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास सरकार बनाने लायक नंबर हैं और हम सरकार बना सकते हैं.’ शिव सेना सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया है. उन्होंने बीजेपी को विधानसभा में बहुमत साबित करने की चुनौती भी दी है.
इस पर बीजेपी की ओर से केंद्रीय क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा है कि महाराष्ट्र की जनता ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के लिए जनादेश दिया था. रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि एनसीपी और कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए ‘मैच फ़िक्सिंग’ क्यों की? उन्होंने कहा कि शिव सेना स्वार्थ की वजह से 30 साल पुरानी दोस्ती तोड़ दे तो वह ‘लोकतंत्र की हत्या’ नहीं है?
रविशंकर प्रसाद ने दावा किया कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की सरकार अपना प्रभावी बहुमत साबित करेगी.
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस घटना के बाद बीजेपी की ‘उलटी गिनती पूरे देश में शुरू’ हो गई है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को नैतिक रूप से अपने पद पर रहने का हक नहीं है.
शाम होते-होते फडणवीस के शपथ ग्रहण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. शिव सेना ने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के शपथ ग्रहण को चुनौती देने वाली याचिका दायर की है. इस पर सुप्रीम कोर्ट रविवार सुबह 11.30 बजे सुनवाई करेगा. वहीं एनसीपी ने अपने प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील को विधायक दल से जुड़े सभी फ़ैसले लेने का अधिकार दे दिया है. देर शाम हुई एनसीपी की बैठक के बाद पार्टी नेता नवाब मलिक ने कहा, ”शरद पवार की मौजूदगी में एनसीपी विधायकों की बैठक हुई. अजित पवार को विधायक दल की बैठक से हटाया गया. जब तक नया नेता नहीं चुना जाता, जयंत पाटील को विधायक दल के नेता के सभी अधिकार दिए गए हैं. अजित पवार ने जो फ़ैसला लिया है, उससे पार्टी सहमत नहीं है.”
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि सिर्फ़ छह विधायक बैठक में नहीं आए थे. उन्होंने कहा कि सरकार शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की ही बनेगी. उन्होंने दोहराया कि बीजेपी ने चोरी-चुपके सरकार बनाई है.
अब इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका अहम हो गई है जिसके फ़ैसले पर तमाम दलों की नज़रें टिकी हैं. इस पूरे घटनाक्रम में दल-बदल क़ानून एक बार फिर चर्चा में आ गया है. महाराष्ट्र की 288 सीटों वाली विधानसभा में पिछले महीने बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं. एनसीपी को 54 सीटों पर जीत मिली थी. शिव सेना के हिस्से में 56 सीटें आई थीं. कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. बीजेपी ने शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और एनसीपी ने कांग्रेस के साथ. लेकिन शिवसेना का दावा रहा है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उसका हक़ है और उसके इसके लिए बीजेपी को कथित 50:50 फॉर्मूला याद दिलाया था जिसे बीजेपी ने बेबुनियाद बताया था.
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