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डेंगू का प्रकोप, रायपुर के आंबेडकर अस्पताल में पहुंचे डेंगू के 70 से ज्यादा मरीज, जल जमाव और गंदगी से डेंगू का प्रसार

रायपुर में 21 दिनों में डेंगू के 70 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचे

राजधानी के आंबेडकर अस्पताल में 24 दिनों में ही डेंगू के 70 से ज्यादा मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचे है। यहां पर रोजाना चार से पांच डेंगू के केस पहुंच रहे हैं। पुरानी बस्ती से सबसे ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। रायपुर में मलेरिया और वायरल फीवर के बढ़े मरीज शासकीय और निजी अस्पतालों में लग रही लाइन 24 दिनों में डेंगू के 70 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचे। रायपुर राजधानी के आंबेडकर अस्पताल में 24 दिनों में ही डेंगू के 70 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचे है। इसमें गुरूवार को पहुंचे पांच मरीज भी शामिल है। यहां पर रोजाना चार से पांच डेंगू के केस पहुंच रहे हैं। पुरानी बस्ती से सबसे ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि विगत आठ माह डेंगू के चार केस ही सामने आए हैं।

जल जमाव और गंदगी से डेंगू का प्रसार – जल जमाव और अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में बरसात के पानी की सही निकासी नहीं होने के कारण गंदगी का फैलाव डेंगू के प्रसार का सबसे बड़ा कारण है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डेंगू के प्रति सचेत रहें, घर के आसपास पानी का जमाव न होने दें। इससे मच्छर नहीं पनपेगा और डेंगू से बचाव होगा। डेंगू के शुरुआती लक्षण सामान्य बुखार या वायरल बुखार से मिलते-जुलते होते हैं।

एलाइजा टेस्ट के बाद ही मरीज को डेंगू पीड़ित माना जाता है। मौसम में उतार-चढ़ाव से वायरल फीवर, डायरिया और मलेरिया के मरीजों की भी जिला अस्पताल, आंबेडकर अस्पताल व अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के साथ निजी अस्पतालों में तेजी से इजाफा हुआ है। वायरल फीवर बच्चे, जवान व बुजुर्गों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। इस बुखार के उतर जाने के बाद भी लोग परेशान रहते हैं।

बुखार की चपेट में आने वाले रोगियों को सर्दी, खांसी व गले में तेज दर्द की परेशानी होती है और कमजोरी आ जाती है। वायरल बुखार आमतौर पर साधारण बुखार की तरह ही होता है। डाक्टर पंजक किशोर के अनुसार वायरल बुखार मौसम में उतार चढ़ाव के कारण सक्रिय हो जाता है। इससे प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो जाता है। इस मौसम में बुखार होने पर तुरंत इलाज कराना जरूरी है। डाक्टर की सलाह पर ही दवा लेना चाहिए। पीड़ित से हाथ मिलाने, छींकने, नजदीक में रहने से भी वायरल होने की संभावना रहती है। वायरल बुखार होने पर ध्यान देने की जरूरत है।

डेंगू के लक्षण – तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द, जी मचलाना एवं उल्टी होना, आंख के पीछे दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक व मसूढ़ों से रक्तस्त्राव, काला मल का आना आदि डेंगू के लक्षण हैं। डेंगू का असर शरीर में तीन से नौ दिनों तक रहता है। इससे शरीर में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगता है।

वायरल बुखार के लक्षण – शरीर में तेज दर्द, गले में खरास और दर्द, त्वचा पर हल्के धब्बे पड़ना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, कमजोरी महसूस होना, सिर दर्द होने के साथ तेज बुखार, खांसी की शिकायत सहित अन्य लक्षण वायरल बुखार से जुड़े है।

जिला मलेरिया अधिकारी डा. विमल किशोर राय ने कहा, एडीस नामक मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। डेंगू से बचाव के लिए घर में साफ-सफाई का ध्यान रखें। सोते समय दिन हो या रात मच्छरदानी का उपयोग करें। डेंगू के अब तक चार केस मिले हैंं।

आंबेडकर अस्पताल अधीक्षक डा एसबीएस नेताम ने कहा, मेडिसिन विभाग में डेंगू के 65 केस आए हैं। गुरूवार को ही पांच मरीजों को भर्ती किया गया है। अस्पताल में जांच और इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

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