नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा यानि रविवार को मणिपुर से शुरू हो गई। मणिपुर के थौबल जिले के खोंगजोम के ‘न्याय मैदान’ में लगे मंच से यात्रा के विधिवत शुरुआत की घोषणा की गई। यह यात्रा भारत जोड़ो यात्रा की अगली कड़ी है। राहुल गांधी पूर्व के मणिपुर से न्याय यात्रा को शुरू करने का मतलब मणिपुर हिंसा में मारे गए कुकी-मैतेई समुदाय के परिजनों को न्याय की मांग करना है। दोनों समुदायों में गहरी होती अविश्वास की खाई मणिपुर और देश के लिए खतरनाक है।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा के शुभारंभ पर राहुल गांधी ने कहा कि “भाजपा की राजनीति के कारण मणिपुर ने वह खो दिया है जो उसके पास है। मणिपुर में शासन का बुनियादी ढांचा विफल हो गया है, यह शर्मनाक है कि प्रधानमंत्री ने राज्य का दौरा नहीं किया। बीजेपी के लिए मणिपुर देश का हिस्सा नहीं, पीएम अब तक आपके आंसू पोंछने नहीं आए।”
उन्होंने आगे कहा कि यात्रा को पूर्व से शुरू करने का मकसद “हम मणिपुर में शांति और सद्भाव वापस लाएंगे।”
मणिपुर से मुंबई तक की 66 दिवसीय यात्रा, जो 15 राज्यों में 6,700 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी। यात्रा 100 लोकसभा सीटों को कवर करेगी, जिनमें से 58 उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और राजस्थान जैसे हिंदी भाषी राज्यों में हैं। अकेले यूपी में, यात्रा 28 लोकसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी, उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र, रायबरेली, अमेठी, इलाहाबाद, फूलपुर और लखनऊ शामिल हैं। यह एक “हाइब्रिड यात्रा” होगी जिसमें कांग्रेस नेता पैदल और बस से दूरी तय करेंगे।
यात्रा मार्च के तीसरे सप्ताह में मुंबई में समाप्त होगी। राहुल गांधी के मार्च के लिए सबसे बड़ी परीक्षा उनके भारतीय सहयोगियों की भागीदारी होगी। पिछले साल तमिलनाडु से जम्मू-कश्मीर तक की अपनी भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल ने यह अपनी तरह की दूसरी यात्रा की है।
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