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कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा दिन, राहुल गांधी के साथ यात्रा करते नजर आए सीएम भूपेश बघेल #bharatjodoyatra

भूपेश बघेल और पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद पी. चिदंबरम समेत अन्य नेताओं ने कन्याकुमारी के अगस्तीस्वरम में पदयात्रा शुरू कर दी है। सीएम भूपेश बघेल इस दौरान राहुल गांधी के साथ यात्रा करते नजर आए। पार्टी इस यात्रा को व्यापक जनसंपर्क अभियान बता रही है तथा इससे संगठन को संजीवनी मिलने की आशा व्यक्त कर रही है।

3570 किलोमीटर की तय करेंगे दूरी- राहुल गांधी ने कन्याकुमारी के ’विवेकानंद पॉलिटेक्निक’ से 118 अन्य “भारत यात्रियों ’’ और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा की शुरुआत की है, पार्टी ने राहुल समेत 119 नेताओं को “भारत यात्री“ नाम दिया है जो कन्याकुमारी से पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे। ये लोग कुल 3570 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।

सीएम भूपेश बघेल ने यात्रा का एक वीडियो शेयर कर लिखा है-

तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

कांग्रेस को मिलेगी संजीवनी- कांग्रेस ने बुधवार को कन्याकुमारी से अपनी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की औपचारिक शुरुआत की थी और इस मौके पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक लिखित संदेश के माध्यम से कहा था कि यह यात्रा भारतीय राजनीति के लिए परिवर्तनकारी क्षण है तथा यह कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम करेगी। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि मौजूदा समय में तिरंगे पर हमला किया जा रहा है।

एम के स्टालिन ने सौंपा राष्ट्र ध्वज- राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने से पहले श्रीपेरंबदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक पर एक प्रार्थना सभा में शामिल हुए। यहीं पर तीन दशक पहले एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। पिता के स्मारक पर आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कन्याकुमारी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था जहां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने उन्हें राष्ट्र ध्वज सौंपा था।

यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल, तिरुवल्लुवर स्टैच्यू और कामराज मेमोरियल भी गए थे। पदयात्रा 11 सितंबर को केरल पहुंचेगी और अगले 18 दिनों तक राज्य से होते हुए 30 सितंबर को कर्नाटक पहुंचेगी, और उसके बाद उत्तर की तरफ अन्य राज्यों में जाएगी।

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