अगर आपके बच्चे भी एक बार बोलने पर आपकी बातें नहीं सुनते है तो उनमें छिपी हो सकती है ये पांच बड़ी बातें। आइए जानते हैं खबर के माध्यम से उन्हीं पांच बातों के बारे में।
क्या आपका बच्चा भी नहीं सुनता आपकी बात, छिपी हो सकती है ये पांच बड़ी बात आपके एक बार कहते ही बच्चा आपकी बात सुन ले… यह कई पैरेंट्स के लिए एक सपने जैसा है, नहीं? आपके तीन-चार कहने के बावजूद बच्चा अगर टीवी या वीडियो गेम बंद नहीं करता या आपके बहस करता है, तो यह काफी परेशान कर देने वाला होता है।
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यह बात भले ही आम है और बिल्कुल नॉरमल है कि बच्चों को कभी-कभी आज़ादी देनी चाहिए, लेकिन साथ ही उन्हें यह भी सिखाना चाहिए कि एक बार में ही पैरेंट्स की बात सुन लेनी है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपकी सुने, तो बेहतर है कि आप अपनी बात कहने का तरीका ही बदलें। अगर आपको अक्सर अपनी बात मनवाने के लिए बच्चों से जूझना पड़ता है, तो आप ये 5 गलतियां कर रहे होंगे।
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1. आप बहुत सी चेतावनियां देते हैं-
बार-बार 3 तक गिनना, यह पूछना कि “तुम्हें कितनी बार बताना पड़ता है?” या फिर यह कहना कि “यह आखिरी चेतावनी है”, प्रभावी नहीं होगा! अगर आप बहुत ज़्यादा चेतावनियां देते हैं, तो आपका बच्चा आपकी बातों में नहीं आएगा। यहां तक कि बार-बार चेतावनी देने से आपका बच्चा समझ जाएगा कि आपकी बात कब नहीं सुननी है।
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2. बिना मतलब की धमकियां देना-
“कमरा साफ करों वरना तुम्हारा बाहर जाना बंद हो जाएगा” या फिर “अगर खिलौने नहीं उठाए, तो मैं इन्हें फेंक दूंगी “….इस तरह की धमकियां कभी काम नहीं करतीं। आप भले ही तंग आकर इस तरह की धमकियां दे देते हैं, लेकिन आपके बच्चे को यह पता होता है कि आप सज़ा देने में किस हद तक जा सकते हैं।
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3. बच्चे से बहस न करें-
बच्चों के साथ अपनी बात को लेकर भिड़ जाना सही नहीं है। आप जितना उनसे हां और न की लड़ाई करेंगे, वे उतना ही आपकी बात सुनना बंद कर देंगे। अगर आप अपने बच्चे को कमरा साफ करने के लिए कहते हैं, लेकिन वो इस बारे में 20 मिनट तक बहस करता है, तो इसका मतलब उसने 20 मिनट तक आपकी बात टाल दी। इसलिए पॉवर की लड़ाई में न पड़ें और इसकी जगह उन्हें बताएं कि अगर वे आपकी बात नहीं मानेंगे, तो क्या होगा।
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4. आप नतीजों के बारे में नहीं सोचते-
नकारात्मक परिणाम आपके बच्चे को भविष्य में बेहतर विकल्प चुनना सिखाता है। लेकिन अगर आप लगातार परिणामों का पालन करने के लिए संघर्ष करते हैं, तो आपका बच्चा नहीं सीखेगा।
खास अधिकार छीन लेने की धमकी देना, और फिर जब बच्चा आपके सामने गिड़गिड़ाए, तो उन्हें वापस दे देने से प्रभाव नहीं पड़ेगा। लॉजिकल बात करें जिससे बच्चा कुछ सीखे। बच्चे को सिखाएं कि आप जो कह रह हैं, वास्तव में वही करेंगे। सिर्फ धमकी देने से परिणाम नहीं मिलेंगे।
5. आप ऊंची आवाज़ में बात करते हैं-
जब बच्चा सुनता नहीं है, तो कई पैरेंट्स अपनी आवाज़ ऊंची करके उससे बात करने लगते हैं। लेकिन चिल्लाने से कुछ हासिल नहीं होगा। इससे आपका बच्चा आपको और ज़्यादा इग्नोर करना शुरू कर देगा।
रिसर्च में भी यह देखा गया है कि जिस तरह मारना नुकसानदायक होता है उसी तरह बच्चे पर चिल्लाना भी नुकसान पहुंचाता है। इससे बच्चे के साथ आपका रिश्ता बिगड़ सकता है, जिससे आने वाले समय में आपका बच्चा और भी नहीं सुनेगा।
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