Chhattisgarh

कर्मचारियों की हड़ताल से आम आदमी के अटके काम… कलेक्ट्रेट बंद… कोर्ट के कर्मचारियों ने किया काम बंद का एलान, शिक्षकों का समर्थन नहीं…

छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों ने सोमवार से हड़ताल शुरू कर दी है। रायपुर के धरना स्थल पर सभी विभागों के कर्मचारी एक जुट हुए। प्रशासन के खिलाफ नारा लगाते हुए धरना दिया। कलेक्ट्रेट, तहसील, ADM,SDM दफ्तरों में सिर्फ कुछ जमानत के मामलों पर इक्का दुक्का केस पर काम हुआ। इसके अलावा कोई काम नहीं हुआ। रजिस्ट्री ऑफिस बंद रहने से भी कोई काम नहीं हुआ।

22 अगस्त से शुरू हुई इस हड़ताल की वजह से आम आदमी के काम अटक चुके हैं। ये हालात कब तक रहेंगे कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि कर्मचारियों ने साफ कहा है कि ये हड़ताल अनिश्चितकालीन है। फिलहाल कर्मचारियों और प्रशासन के बीच भी कोई तालमेल बैठता नहीं दिख रहा है। इसलिए आम आदमी के अटके हुए काम फिलहाल अटके ही रहेंगे।

कोर्ट में भी होगा काम
रायपुर की कोर्ट में भी सोमवार काे कोई काम नहीं हुआ। अदालत के कमरों की आलमारियों में ताला लगाकर कर्मचारी चले गए। छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के संरक्षक विजय झा ने बताया कि न्यायालय कर्मचारी संघ ने भी हमें पूरा समर्थन दिया है। हमारे साथ अदालतों के कर्मचारी भी साथ उतर आए हैं सोमवार को कोर्ट के सभी कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए, ये आगे भी हड़ताल में ही बने रहेंगे, फिल्हाल कोर्ट में काम काज नहीं होगा।

रायपुर में लगे स्कूल, शिक्षकों का समर्थन नहीं
रायपुर में सरकारी स्कूल पर हड़ताल का असर तो रहा मगर पूरी तरह से स्कूल बंद नहीं हुए। दानी गर्ल्स स्कूल में आधे से अधिक टीचर स्टाफ ने तो हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया। मगर बच्चे आए और अन्य शिक्षकों के साथ क्लास भी लगाई गई।

टीचर्स पर छुट्‌टी लेने के दबाव का विरोध
सहायक शिक्षक फेडरेशन के नेता जाकेश ने बताया कि हमने वेतन विसंगति की मांग जोड़ने को कहा था मगर कर्मचारी संगठन राजी नहीं हुए इसलिए हम काम पर जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि प्रदेश के बलरामपुर, कबीरधाम, मुंगेली, दंतेवाड़ा जैसे जिले में मात्र 6% शिक्षक संवर्ग ही हड़ताल पर गए हैं। बाकि काम कर रहे हैं। हम वेतन विसंगति, क्रमोन्नति जैसी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शिक्षकों को इस हड़ताल में शामिल होने का दबाव दे रहे है, इसका हम विरोध करते है, स्वेच्छा से हड़ताल में शामिल होने वाले शिक्षको की अपनी समझ है, इसके लिए वे स्वतंत्र हैं।

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