Chhattisgarh

गोढ़ी में जेल नहीं उपवन बने- गोपाल धींवर

रायपुर (गोढ़ी-ग्राम पंचायत)। शिक्षा स्वास्थ्य, रोजगार, आवास, मूलभूत समस्याओं जैसे ज्वलनशील सामाजिक मुद्दों का निराकरण एवं उदार नीति के तहत सही मायनों में राजनीति की गाड़ी चल सकती है तथा जो व्यक्ति इसपर नही चलेगा वह बीच मंझधार में थम जाता है उक्त कथन जनपद पंचायत आरंग के ग्राम गोढ़ी के ऊर्जावान, मिलनसार, आकर्षक व्यक्तित्व के धनी गोपाल धींवर का है जो अब तक दो बार सरपंच पद पर आसीन रहते हुए जन सेवा का कार्य कर रहे है साधारण परिवार में जन्मे गोपाल धींवर प्रारंभ से ही जन सेवा की अटूट भावना उनके मन मे समाई थी अतएव आम जनता की दबी कुचली आवाज़ को बुलंद करते करते कब उन्हें राजनीति में प्रवेश दिला दिया पता ही नही चला मृदुभाषी, दबे कुचले लोगों को उनके अधिकार की लड़ाई सड़क से लेकर उच्च स्तर पर की बीए ग्रेजुएट गोढ़ी सरपंच गोपाल धींवर की साफगोई राजनीति ने उन्हें छग प्रदेश सरपंच संघ जैसे उच्च पद के अध्यक्ष के रूप में पदासीन कर दिया जो आज ग्राम गोढ़ी के मूलभूत समस्याओं के साथ ही प्रदेश के सरपंचों के अधिकार की लड़ाई भी लड़ रहे है तथा समय समय पर उनकी आवाज़ सड़क से सदन तक पहुंचने कोई कोर कसर नही छोड़ते श्री धींवर का कथन है कि ग्राम का मॉडल उन्हें ऐसा निर्मित करना है जैसे शहर में समस्त सुबिधाये उपलब्ध है वैसे ही ग्राम गोढ़ी में यहां के ग्रामीणों को सुविधा प्राप्त हो इसके लिए उन्होंने बताया कि यहां सर्व प्रथम शिक्षा और स्वास्थ्य हेतु जोर दिया जा रहा है यहां उच्चस्तरीय शिक्षा संस्थान खोले जाने हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे है इसके लिए शासन द्वारा प्रस्तावित जेल निर्माण सबसे बड़ी बाधा बन रही है श्री गोपाल धींवर का कथन है कि जेल निर्माण से यहां का वातावरण अव्यवस्थित हो जाएगा ग्रामीण भी इस निर्माण से प्रसन्न नही है क्योंकि सर्वाधिक क्षेत्र को हरियाली लाने ग्रामीणों ने काफी मशक्कत की है उसके रख रखाव एवं सुरक्षा हेतु अपनी संपूर्ण ऊर्जा लगा दी थी याब उसी हरियाली पूर्ण स्थल पर जेल निर्माण जैसी व्यवस्था शासन यह निर्मित करना चाहती है जो उचित नही है सरपंच गोपाल धींवर का कथन है कि पूर्व से हरियाली युक्त क्षेत्र होने के कारण जो लगभग क्रमशः 85 एकड़ एवं 65 एकड़ भूभाग में विस्तृत है उसे उपवन अथवा ऑक्सिजोन निर्माण कर क्षेत्र को प्रदूषण रहित शुद्ध स्वास्थ्य वर्धक वातावरण निर्मित किया जा सकता है परन्तु जेल निर्माण जैसा कि अन्य विभाग नवा रायपुर स्थित अटल नगर में हस्तांतरित किए गए है वैसे ही जेल निर्माण भी वही किया जा सकता है बताते चले कि क्षेत्र में हॉस्पिटल इत्यादि भी संचालित है जहां जेल संचालन से ग्राम गोढ़ी क्षेत्र की व्यवस्था प्रभावित होगी अतएव उन्होंने जेल निर्माण ब्यवस्था नवा रायपुर क्षेत्र में किए जाने की बात कही है वही ग्राम में हायर सेकंडरी स्कूल की मांग लंबे समय से की जा रही है जो अब भी हाई स्कूल में संचालित हो रहा है। उन्होंने आगे बताया कि बसाहट हेतु पृथक भूमि में निर्माण किए जाएंगे वही ग्राम गोढ़ी से सटे बांध खुटेरी को डेवलपमेंट करने अटल ऑक्सीवन हस्तांतरित किया गया हायर सेकेंडरी स्कूल भवन का प्रयास जो अभी तक हाई स्कूल में लग रहा है उसका निर्माण प्राथमिक है परन्तु ग्राम पंचायतों को मिलने वाली राशि मे विलंब के कारण यह अब तक लंबित है।
श्री गोपक धींवर आगे कहते है यहां जेल की जगह मेडिकल या अन्य शैक्षणिक कॉलेज खोले जाए,,शिक्षा,स्वास्थ्य हेतु वे लगातार आवाज़ उठा रहे है वन संसाधन हेतु यहां भूमि उपलब्ध करा सकते है तो रहने के लिए बसाहट हेतु मानव संसाधन हेतु भूखंड उपलब्ध करवा सकते है इसके मिसाल के तौर पर उन्होंने बताया कि इंदिरा आवास योजना के तहत ग्राम वासियों को दस एकड़ भूमि पंचायत ने उपलब्ध करवा दिया वे कहते है कि गौठान को ग्रामीण उद्योग के तहत विकसित करने का विचार है। स्टेडियम, स्कूल, गार्डन हेतु यहां भू संसाधन पर्याप्त है शासन का सहयोग पूर्णतः नही मिल पा रहा है ग्राम में शहर जैसी सुविधा मिले जेल जैसे निर्माण से यहां की भगौलिक प्रकृति को क्षति पहुंचेगी यहां पूर्व में 85 एकड़ भूभाग में 40 साल पुराना सन 1983 में लगभग 6000 से ऊपर वृक्ष रोपण किए गए थे जो वन सदृश्य क्षेत्र है परन्तु निरीक्षकों द्वारा बगैर वन क्षेत्र एवं हरियाली का उल्लेख किए जेल निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजा गया है जो सीएम भूपेश बघेल जी को भी इसकी जानकारी नही है। अर्थात प्रतिवेदन में 6000 वृक्षों का उल्लेख कहीं भी नही किया वर्तमान राजनीति परिवेश के संदर्भ में श्री गोपाल धींवर कहते है पूरे प्रदेश में 11664 ग्राम पंचायत है जहां अब तक सरकार नही पहुंच सकी वहां सरपंचों को सही ढंग से शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु राशि लंबित कर दी गई है जिससे ग्राम क्षेत्र का विकास नही हो या रहा है अब सरकार प्रदेश भर के ग्राम पंचायतों में उपस्थिति दर्ज करवा कर चयनित आवेदकों को सामने कर देती है। जिससे पात्र व्यक्ति की बात सरकार के कानों तक नही पहुंच पा रही है एवं जनता में आक्रोश है क्योंकि यदि प्रदेश के ग्राम के ग्रामीण ही प्रसन्न नही है तो भावी चुनाव सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती बनकर खड़े हालांकि सरपंचों के उत्थान हेतु 19 नवंबर 2021 इंदिरा जयंती के अवसर पर सरकार ने महा सम्मेलन इंडोर स्टेडियम में रखा था जिसमे बहुत सी घोषणाएं एवं वादे किए गए थे एक वर्ष होने जा रहा है परन्तु एक भी घोषणा पर अमल नही हुआ सरकार को कुंभकर्णी नींद से जगाने प्रदेश सरपंच संघ द्वारा 26 मार्च 2022 में को प्रदर्शन किया गया था परन्तु उपरोक्त घोषणा के बावजूद वास्तविक धरा पर आज पर्यंत कोई भी घोषणा का अनुपालन नही किया गया इससे सरकार पुनः सत्ता में आएगी उस पर संशय के बादल मंडरा रहे है उन्होंने आगे कहा क्योंकि जब प्रदेश भर के ग्रामीण क्षेत्रों के पंच सरपंच ही खुश नही जो जमीनी सिपाही माने जाते है तो भला वे ग्रामीणों को जोड़ने कहां तक कवायद करेंगे यह सवाल सरकार के सामने है इस पर उन्हें ही विचार करना है क्योंकि सरकार के पदस्थ पंचायत मंत्री के समक्ष भी स्तपंच संघ अपनी व्यथा लेकर जाते है तो वे स्पष्ट कहते है कि मेरा कोई पावर ही नही है मुझे कोई भी केंद्र द्वारा जनहित में जारी योजना से पृथक कर दिया गया है तथा वह वैसा भी लेप्स हो चुका है तब इस परिस्थिति में राज्य सरकार की भावी स्थिति क्या निर्मित होगी यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।

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