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ऑनलाइन कंपनियों के खिलाफ कैट ने खोला मोर्चा

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ट्रेडर्स (कैट) ने ऑनलाइन कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। पिछले दिनों ऑनलाइन से जुड़े ब्रांडों से छूट देने के मामले में स्पष्टीकरण मांगने के बाद अब कैट छूट को लेकर कॉम्पिटिशन कमीशन पहुंच गई है। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि ऑनलाइन कंपनियों द्वारा ई-कॉमर्स नियमों की अनदेखी की जा रही है और इसका खामियाजा रिटेल व्यापार को भुगतना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल ने भी कैट को आश्वस्त किया है कि इस मुद्दे पर बारीकी से जांच होगी और सभी कंपनियों को ई-कॉमर्स पॉलिसी का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि कैट का उद्देश्य व्यापारिक हितों की रक्षा करना है और इसके लिए ही वह लगातार प्रयासरत है।

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया कि इस प्रकार अभी ऑनलाइन कंपनियों द्वारा नियमों का उल्लंघन करते हुए ग्राहकों को आकर्षक छूट देकर लुभाया जा रहा है, जबकि यह छूट नए उत्पादों पर नहीं होती। इसके लिए ही कैट अब कॉम्पिटिशन कमीशन पहुंचा है। ऑनलाइन कंपनियों पर अंकुश लगाना जरूरी है।

देश भर से 40 हजार मोबाइल दुकानें बंद होने की स्थिति में

कैट से मिली जानकारी के अनुसार इस प्रकार ऑनलाइन कंपनियों के गलत तरीके से काम करने के कारण देश भर की 40 हजार मोबाइल दुकानों पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। इसके साथ ही एफएमसीजी समेत अन्य कई सेक्टरों में कारोबार में 40 फीसद तक गिरावट है।

कैट के अभियान में अधिकाधिक जुड़ने लगे व्यापारी

कैट ने पिछले दिनों रिटेल व्यापारियों को ऑनलाइन से जोड़ने अभियान भी शुरू किया है और इसके लिए आइटी एक्सपर्टों की मदद ली जा रही है। कैट के अभियान में अब अधिकाधिक संख्या में व्यापारी जुड़ने लगे हैं।

बताया जा रहा है कि कैट से 100 से अधिक व्यापारिक संघों ने ऑनलाइन से जुड़ने की सहमति भी जताई है। कैट के इस ऑनलाइन व्यापार से भी उपभोक्ताओं को सारे ऑफरों के साथ ही उत्पादों और व्यापारियों के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध होगी। इस प्रकार कैट रिटेल व्यापारियों को अपग्रेड भी कर रही है।

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