राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) जिले में कुछ व्यक्तियों द्वारा सांप की विलुप्त प्रजाति सेण्ड बोवा को राजनांदगांव में बेचने की गोपनीय सूचना मिलने पर वन विभाग के अमले ने 5 लोगों को गिरफ्त में लिया है। वन मंडलाधिकारी एन गुरूनाथन को इसकी सूचना मिली थी। उनके निर्देश पर विभागीय अमले ने कार्रवाई की। वन मंडलाधिकारी एन गुरूनाथन नेे बताया कि विलुप्त प्रजाति सांप सेण्ड बोवा की पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका है। सांप सेण्ड बोवा के चमड़े (खाल) की विदेशों में बहुत मांग है।
वन विभाग द्वारा राजनांदगांव विकासखंड के सिंघोला-बंगालीभोथीपार मार्ग में 5 व्यक्तियों को विलुप्त प्रजाति सांप सेण्ड बोवा को विक्रय करने ले जाते गिरफ्त में लिया गया। गिरफ्त में लिए गए लोगों में रेंगाडबरी बालोद निवासी दीपक सोनी, शांति नगर राजनांदगांव निवासी मो. हारून, बेलगांव राजनांदगांव निवासी दीपक, सेक्टर 6 भिलाई निवासी मनोज निर्मलकर और मोतीपुर राजनांदगांव निवासी सोमेश कुमार साहू शामिल हैं। कार्रवाई में परिक्षेत्र अधिकारी राजनांदगांव टीडी धृतलहरे, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी, राजनांदगांव (शहर) केके वर्मा और वन रक्षक राम सिंह साहू, सुभाष साहू, भावदास साहू, हेमंत साहू, झलेन्द्र दैवेभो शामिल थे।
वनमंडलाधिकारी एन गुरूनाथन ने बताया कि धन के लालच में तस्कर इन सांपों की तस्करी करते हैं। इससे हमारा पर्यावरण संरक्षण प्रभावित होता है। इसी कारण इनकी संख्या कम होती जा रही है। इसकी रोकथाम के लिये शासन द्वारा वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 लागू किया गया है। अपराधियों के विरूद्ध इसी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा ही है। उन्होंने जनसामान्य से अपील की है कि वन्य प्राणियों को किसी तरह से नुकसान पहुंचाने या थोड़े से धन लाभ के लिए वन्य प्राणियों की तस्करी करने पर इसकी सूचना तत्काल वन मंडल कार्यालय राजनांदगांव परिक्षेत्र कार्यालय और क्षेत्र में पदस्थ वन अमला को दें, ताकि वन्य प्राणियों को बचाया जा सके।
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