अखिल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार को प्रयागराज स्थित श्री बाघंबरी मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. पुलिस के मुताबिक, उनका कमरा अंदर से बंद था. दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर पहुंची. पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि पर गंभीर आरोप लगाए हैं. महंत नरेंद्र गिरी संगम तट पर स्थित लेटे हनुमान मंदिर के महंत थे. उनका अपने शिष्य और चर्चित योग गुरु आनंद गिरि के साथ काफी समय से विवाद चल रहा था. यह सुर्खियों में भी रहा. आनंद गिरि को अखाड़ा परिषद और मठ बाघंबरी गद्दी के पदाधिकारी के पद से निष्कासित कर दिया गया था. उस दौरान, महंत नरेंद्र गिरि को तमाम साधु संतों का समर्थन मिला था.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है। आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति!!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2021
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 20, 2021
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