राजनांदगांव। सेहतमंद जिंदगी के लिए योग सबसे बेहतर माध्यम है, इस सोच के साथ शहर के मनकी स्थित छत्तीसगढ़ आयुर्वेद कालेज की ओर से सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को सार्थकता देते हुए योगाभ्यास का आयोजन किया गया। आइडियल रुटीन एंड इंपोर्टेंश ऑफ योगा विषय पर वेबीनार का भी आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न प्रमुख लोगों ने अपने विचार रखे।
इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य आयोजक छत्तीसगढ़ आयुर्वेद कालेज की प्राचार्य डा. वर्षा पी. वंजारी ने इस अवसर पर कहा, वर्तमान की व्यस्त जीवनशैली के बीच बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग बेहद आवश्यक है। इसे हर किसी को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। आप पूर्ण रूप से तभी स्वस्थ होते हैं जब सिर्फ शारीरिक रूप से नहीं अपितु मानसिक एवं भावनात्मक रूप से भी स्वस्थ होते हैं। योगाभ्यास पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, पिछले करीब डेढ़ साल से दुनिया भर में कोरोना का कहर जारी है। मेडिकल एक्सपर्ट्स, सरकार, योग गुरु और आयुर्वेद सभी ने इस दौर में लोगों को सुरक्षित रहने के लिए योग करने की सलाह दी है। ऐसे में योग दिवस पर ही नहीं बल्कि नियमित तौर भी लोग अपने घरों में ही प्रतिदिन योगाभ्यास कर सकते हैं। अतिथि वक्ता योगाचार्य लेखुराम ने कहा, शरीर की क्रियाशीलता को बढ़ाने और बेहतर सेहत के लिए योग करना बेहद महत्वपूर्ण है। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत धातु युज से हुई है जिसका मतलब व्यक्तिगत चेतना होता है। उन्होने कहा, योग करने से स्वास्थ्य लाभ होता है, मानसिक-शारीरिक शक्ति का विकास होता है, शरीर की टूट-फूट से रक्षा होती है तथा शरीर में शुद्धता आती है, इसलिए योग को हर किसी के लिए लाभदायक कहा जाता है। योग का इतिहास 26 हजार साल पुराना है और योग के जनक महर्षि पतंजलि ही हैं जिन्होंने आस्था, धर्म और अंधविश्वास से अलग हटाकर योग की व्याख्या की। इन्हीं सब तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए योग दिवस को वैश्विक तौर पर मनाने की शुरुआत साल 2015 से की गई है। योग और वेबीनार कार्यक्रम को सार्थक बनाने के लिए कॉलेज के समन्वयक डाण्रवींद्र रजनीश और डा. अनिल कुमार पटेल ने इच्छुक लोगों से पंजीयन भी कराए थे, जिसके परिणाम स्वरुप योग दिवस पर कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए बड़ी संख्या में लोगों ने योगाभ्यास किया। सोशल मीडिया फेसबुक पेज पर भी योग का लाइव सेशन आयोजित किया गया।
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