साल- 2020 उद्योगों के लिए भले ही चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन इसने ऐसा सबक दिया कि अब उद्योग अंध्ोरे से उजाले की ओर अग्रसर हैं और उम्मीद की जा रही है कि साल- 2021में विकास की नई भोर होगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और उद्योगपतियों के साथ ही वहां काम करने वाले मजदूरों और कर्मचारियों को भी फायदा मिलेगा। साल- 2020 की शुरुआत से ही उद्योग और अन्य व्यावसायिक समूह कोरोना के दंश से पीड़ित रहे। इसके चलते जनजीवन और पूरा व्यापार-उद्योग जगत भी प्रभावित रहा। विशेषकर मार्च और अप्रैल महीने तो हर सेक्टर के लिए नुकसानदाक ही रहे। लेकिन इसके बावजूद उद्योग क्षेत्र के लिए साल- 2020 खास इसलिए साबित रहा, क्योंकि पहली बार ऐसा हुआ है कि आयरन व स्टील सेक्टर के उद्योगों के लिए करीब 35 हजार करोड़ के एमओयू हुए हैं और इसमें भी खास बात यह है कि सभी एमओयू पहले से ही यहां उद्योग चला रहे स्थानीय उद्योगपतियों के ही हैं। बताया जा रहा हैकि इसमें से करीब 50 फीसद उद्योग बस्तर क्षेत्र में आ रहे हैं और बाकी बचे उद्योग राजध्ाानी रायपुर व उसके आसपास के क्षेत्रों में आ रहे हैं। प्रदेश में उद्योगों की रफ्तार का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि लाकडाउन की अवध्ाि में प्रदेश में 27 लाख टन स्टील का उत्पादन किया गया। उद्योगपतियों का कहना है कि हालांकि पहले भी इससे ज्यादा के एमओयू हुए, लेकिन वे एमओयू बाहरी क्षेत्रों के थे, जो केवल कागजों तक सिमट गए और यथार्थ के ध्ारातल पर नहीं आ पाए। इस बार के एमओयू स्थानीय उद्योगपतियों ने किए हैं, जो प्रदेश के बारे में पूरी जानकारी रखते हैं। इसके चलते एमओयू होने के बाद अब वे आगे की रणनीति बनाने में भी जुट गए हैं।
स्पंज और स्टील सेक्टर को विशेष पैकेज – राज्य सरकार ने स्पंज और स्टील सेक्टर के लिए विशेष पैकेज दिए हैं। इसके तहत इस्पात क्षेत्र के मेगा अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट में निवेश के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस पैकेज में अध्ािकतम 500 करोड़ का निवेश (बस्तर संभाग के लिए 1000 करोड़) मान्य है। खास बात यह है कि प्रस्तावित इकाइयों को 31 अक्टूबर, 2024 या उसके पहले व्यावसायिक उत्पादन शुरू करना होगा। 100 करोड़ के स्थायी पूंजी निवेश मद में निवेश कर व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने वाली नई इकाइयों को आर्थिक निवेश प्रोत्साहन दिया जाएगा। स्पंज आयरन व स्टील सेक्टर के उद्योगों को बी-स्पोक पालिसी के तहत विशेष पैकेज देते हुए क्षेत्रवार छूट की सीमा बढ़ा दी गई है। छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी का कहना है कि अब उद्योग फिर से अपनी रफ्तार पकड़ने को तैयार हैं और राज्य सरकार की पालिसियां भी उनके अनुकूल हंै। इसके चलते ही इन दिनों उद्योगों की रफ्तार काफी बढ़ती जा रही है।
कोरोना काल में 15 हजार से अध्ािक स्थानीय मजदूरों को मिला काम – कोरोना काल में जब विभिन्ना व्यावसायिक समूहांे और कंपनियों से लोगों की नौकरियां जाने की सूचनाएं आ रही थीं, तब यहां के उद्योगपतियों ने इस दौरान एक बड़ा काम किया। बाहरी प्रदेशों से आने वाले छत्तीसगढ़ के मजदूरों को यहां के उद्योगों में काम मिला। बताया गया है कि कोरोना के दौरान बाहरी प्रदेशों से छत्तीसगढ़ में करीब 24 हजार मजदूर आए थे और इनमें से 13 हजार मजदूरों को रायपुर क्षेत्र में स्थित उद्योगों में काम दिया गया। उद्योगपतियों ने इसके लिए बाकायदा अकुशल मजदूरों को प्रशिक्षित कराया। साथ ही यहां के स्थानीय मजदूरों को काम में लेने के लिए ग्राम पंचायतों से संपर्क किया गया।
उत्पादन अब 90 फीसद पहुंचा – इस साल 2020 में जब मार्च-अप्रैल में कोरोना के प्रभाव से उद्योगों का उत्पादन कार्य ठप होने लगा था, तब उत्पादन प्रभावित होकर करीब 40 फीसद तक खिसक गया था, लेकिन अब उद्योग फिर से रफ्तार पकड़ने लगे हैं और इनका उत्पादन 90 फीसद तक पहुंच गया है। उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ ही अब ध्ाीरे-ध्ाीरे बाजार में डिमांड भी जोर पकड़ने लगी है और उद्योगों की गति जोर पकड़ने लगी है। एक और अच्छी बात यह हुई कि अब उद्योगों में कारोबार का नया ढंग भी देखने को मिला। बहुत से उद्योगों ने तो अपनी इकाइयों में नई टेक्नोलाजी का उपयोग करना शुरू कर दिया है और व्यापार में थोड़ा बदलाव करते हुए कारोबार में बढ़ोतरी की।
500 करोड़ मेगा अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट में निवेश के लिए
31 अक्टूबर 2024 तक शुरू करना होगा उत्पादन
100 करोड़ के स्थायी पूंजी निवेश मद में निवेश कर व्यावसायिक उत्पादन शुरू करें
प्रमुख उपलब्धियां
पूंजी अनुदान के लिए 50 फीसद तक आकर्षक सोलर नीति
स्पंज आयरन एवं स्टील उद्योगों के लिए क्षेत्रवार छूट की सीमा 60 से 150 फीसद तक
नए प्रावधान- अब उद्योगों के लिए भूमि का डायवर्जन केवल 15 दिनों में होगा। औद्योगिक भूमि का लीज रेंट तीन फीसद से घटाकर दो फीसद कर दिया गया है। मेगा निवेशकों के लिए घोषित किए गए पैकेज में 500 करोड़ रुपये तक का निवेश प्रोत्साहन। स्थापित होने वाले उद्यमों में कुशल श्रेणी में 70 फीसद रोजगार स्थानीय निवासियों को दिया जाएगा।
लाकडाउन के दौरान राज्य में देश का सर्वाधिक 27 लाख टन स्टील उत्पादन हुआ है। औद्योगिक भूमि के स्थानांतरण शुल्क में पांच फीसद की कमी आई।
बनाया नया रिकार्ड
2019 35,000 बाइक व 4 हजार कार
2020 42,000 बाइक व 4500 कार
कोरोना संकट को देखते हुए कारोबार कम रहने के अनुमान लगाया जा रहा था, पूरे आटोमोबाइल सेक्टर में त्यौहारी सीजन में बूम रहा और जबरदस्त रूप से कार-बाइक की बिक्री हुई। बिक्री और पहले से बुकिंग के मामले में कार-बाइक ने साल 2019 की तुलना में 20 फीसद की ग्रोथ दर्ज की। सराफा में भी इस साल जबरदस्त बिक्री रही।
ये होने लगे बदलाव
कामकाज के तरीके में बदलाव और नई टेक्नोलाजी के प्रयोग में लगे उद्योगपति।
उद्योग की रफ्तार और बढ़ाने के लिए बहुत से उद्योगों ने अपने काम को डाइवर्सिफाइड कर दिया यानी ऐसे उत्पादों का निर्माण कर रहे हैं, जिनकी बाजार में मांग ज्यादा बनी है।
उद्योगपति व व्यावसायिक समूह भी इन दिनों अपना सेमिनार आनलाइन ही करने लगे।
आनलाइन का रहा जलवा, सामने आया कारोबार का नया तरीका
साल- 2020 में आटोमोबाइल, कपड़े, शिक्षा समेत दूसरे सभी व्यावसायिक सेक्टरों में आनलाइन का ही जलवा रहा। आनलाइन मीटिंग, बैठकों के साथ ही दूसरे आफिशियल काम भी आनलाइन ही हुए। विशेषकर पूरे कोरोना काल में तो मोबाइल कंपनियों की चांदी हो गई। भले ही रिचार्ज में थोड़ी कमी रही, लेकिन डाटा पैकेज की जबरदस्त मांग रही और कंपनियों ने भी उपभोक्ताओं के लिए नए-नए आफर निकाले। उन्हें काफी पसंद भी किया गया।सुपर बाजारों के साथ ही होटल समूहों के अलावा कपड़ा संस्थानों में भी कारोबार के नए तरीके के रूप में घर पहुंच सेवा का शुभारंभ हुआ। इसे आम उपभोक्ताओं द्वारा काफी पसंद भी किया गया। इसका ही फायदा व्यावसायिक समूहों को त्योहारी सीजन में देखने को मिला और जबरदस्त कारोबार हुआ। इनके साथ ही एक नए व्यवसाय के रूप में क्लाउड किचन के रूप में नए व्यवसाय का जन्म हुआ। बताया जा रहा है कि अकेले राजध्ाानी में ही इन दिनों क्लाउड किचन का कारोबार 100 से अध्ािक लोग कर रहे हैं। साथ ही आनलाइन भोजन परोसने वाली कंपनियों ने भी अपना क्लाउड किचन खोल दिया है।
उम्मीदें : 2021
ऐसी उम्मीद है कि बिजली के लिए जो भी नीतियां बनाई जाएंगी, वे पांच साल तक के लिए होंगी।
उद्योगों के हित में ऐसी नीति बनाई जाएगी कि सारे काम एक ही जगह हो जाएंगे, चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
आयरन ओर की कीमतों में भी रियायत मिलेगी, साथ ही कोशिश होगी कि उद्योगों को यह कम दाम में मिलेगा।
आयरन ओर की उपलब्ध्ाता के लिए भी पहले स्थानीय उद्योगों को प्रमुखता दी जाएगी।
ऐसी नीतियां बनाई जाएंगी कि अध्ािक से अध्ािक नए उद्योग प्रदेश में आएं।
औद्योगिक भूमि की दर में जो 30 फीसद तक कमी आई है, उसके चलते इस साल और भी नए उद्योग आएंगे।
मेगा निवेशकों के लिए घोषित किए गए पैकेज और निवेश प्रोत्साहन से अधिक से अधिक उद्योग आएंगे।
औद्योगिक क्षेत्रों में आवंटित भूमि को लीज होल्ड किए जाने से उद्योगों को फायदा होगा।
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