वाशिंगटन, 24 जून अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020 में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है और यह ऐतिहासिक गिरावट होगी। उसने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी और इसकी रोकथाम के उपायों के चलते अधिकांश आर्थिक गतिविधियां ठप होने के कारण इतनी बड़ी गिरावट आने का अनुमान है। हालांकि मु्द्राकोष का अनुमान है कि 2021 में देश में फिर से तेजी की राह पर लौट आएगा और उस साल 6.0 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक वृद्धि देखने को मिल सकती है। आईएमएफ ने 2020 में वैश्विक वृद्धि दर में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020 में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है और यह ऐतिहासिक गिरावट होगी। उसने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी और इसकी रोकथाम के उपायों के चलते अधिकांश आर्थिक गतिविधियां ठप होने के कारण इतनी बड़ी गिरावट आने का अनुमान है। हालांकि मु्द्राकोष का अनुमान है कि 2021 में देश में फिर से तेजी की राह पर लौट आएगा और उस साल 6.0 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक वृद्धि देखने को मिल सकती है। आईएमएफ ने 2020 में वैश्विक वृद्धि दर में 4.9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है। यह अप्रैल 2020 में जारी विóश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुमान से और 1.9 प्रतिशत नीचे है। मुद्राकोष की मुख्य अर्थशास्त्री भारतीय-अमेरिकी गीता गोपीनाथ ने अद्यतन विश्व आर्थिक परिदृश्य जारी करने के मौके पर पीटीआई -भाषा से कहा, ‘‘इस विकट संकट को देखते हुए हमारा अनुमान है कि अर्थव्यवस्था में 2020 में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। यह अनुमान ऐतिहासिक रूप से नीचे है। कमोबेश यह स्थिति लगभग सभी देशों की है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी का 2020 की पहली छमाही में गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव अनुमान से कहीं ज्यादा व्यापक है। वहीं पुनरूद्धार पूर्व के अनुमान के मुकाबले धीमा है। वर्ष 2021 में वैóश्विक वृद्धि 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह पहली बार है जब सभी क्षेत्रों में 2020 में वृद्धि में गिरावट का अनुमान है। चीन में जहां पहली तिमाही में तीव्र गिरावट के बाद पुनरूद्धार जारी है, वहां 2020 में वृद्धि दर 1.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आईएमएफ ने कहा, ‘‘भारत की अर्थव्यवस्था में 4.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। इसका कारण अधिक समय तक ‘लॉकडाउन’ और अप्रैल में अनुमान के विपरीत धीमा पुनरूद्धार है।’’ मुद्राकोष के रिकार्ड के अनुसार 1961 के बाद से यह सबसे धीमी वृद्धि है। आईएमएफ के पास उससे पहले का आंकड़ा नहीं है। उसने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में 2021 में तेजी आने की उम्मीद है और इसमें 6.0 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। वर्ष 2019 में भारत की वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत थी। आईएमएफ का भारत की 2020 की स्थित का ताजा अनुमान अप्रैल के अनुमान से बेहत है। अप्रैल में अनुमान था कि वर्ष के दौरान गिरावट 6.4 प्रतिशत रहेगी। लेकिन 2021 में 6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान अप्रैल में आयी रिपोर्ट के मुकाबले 1.4 प्रतिशत कम है। गोपीनाथ ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को महा बंद का सामना करना पड़ा। इससे वायरस को काबू में करने और जीवन को बचाने में मदद मिली लेकिन महा मंदी के बाद यह सबसे बड़ी नरमी की चपेट में भी आयी है।’’ उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत से अधिक देश अब अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ खोल रहे हैं। दूसरी तरफ कई उभरते बाजारों में महामारी तेजी से फैल रही है। कई देशों में सुधार हो रहा है। हालांकि चिकित्सा समाधान के अभाव में पुनरूद्धार काफी अनिश्चित है और विभिन्न क्षेत्रों तथा देशें पर प्रभाव अलग-अलग है।’’ अपने ब्लॉग पोस्ट में गोपीनाथ ने कहा कि इस वैóश्विक संकट के जैसा कोई और नहीं है। वहीं पुनरूद्धार के जैसा भी कोई दूसरा पुनरोद्धार नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘पहले इस अप्रत्यशित संकट ने निर्यात पर निर्भर अर्थव्यवस्थाओं में पुनरूद्धार संभावनाओं को प्रभावित किया। साथ ही विकासशील और विकसित अर्थव्यवस्थाओं के बीच आय समन्वय की संभावनाओं को धूमिल किया।’’ गोपीनाथ ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि 2020 में विकसित और उभरते तथा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में बड़ी नरमी आएगी। विकसित अर्थव्यवस्था में जहां वृद्धि दर में 8 प्रतिशत की गिरावट आएगी। वहीं उभरते और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के मामले में वृद्धि दर 3 प्रतिशत घटेगी। और अगर चीन को हटा दिया जाए तो यह गिरावट 5 प्रतिशत होगी। साथ ही 95 प्रतिशत से अधिक देशों में 2020 में प्रति व्यक्ति आय में नकारात्मक वृद्धि होगी।’’ अपने ब्लॉग में उन्होंने लिखा है कि इस अनुमान के ऊपर और नीचे जाने का जोखिम भी अधिक है।उन्होंने कहा कि अनुमान के ऊपर जाने का मतलब है कि टीका और इलाज के अलावा नीतिगत मोर्चे पर कुछ अतिरिक्त उपायों से आर्थिक गतिविधियां तेज हो सकती है। वहीं अगर संक्रमण बढ़ने की दर तेज होती है तो खर्च बढ़ेंगे और वित्तीय स्थिति और तंग होगी। इससे स्थिति और खराब हो सकती है। गोपीनाथ ने कहा कि भू-राजनीतिक और व्यापार तनाव वैóश्विक संबंधों को ऐसे समय और नुकसान पहुंचा सकता है जब व्यापार में करीब 12 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है।
4.5% की गिरावट आने के आसार भारतीय अर्थव्यवस्था 2020 में :IMF
June 25, 2020
84 Views
5 Min Read

You may also like
Mazhar Iqbal #webworld
Indian Journalist Association
https://www.facebook.com/IndianJournalistAssociation/
Follow us on facebook

Live Videos
Breaking News
Advertisements
Advertisements
Recent Posts
- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘गजरथ यात्रा’ का किया शुभारंभ, मानव-हाथी द्वंद रोकने की अनूठी पहल
- जब उम्मीद की डोर थमने लगी… मुख्यमंत्री बने संबल: मुख्यमंत्री की मदद बनी शालू के सपनों की सीढ़ी
- छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के रायपुर जिले के सावन कुमार साहू हुए निर्विरोध जिलाध्यक्ष निर्वाचित
- रेत के अवैध भंडारण पर ग्राम बरबसपुर में बड़ी कार्रवाई, जब्ती की कार्रवाई के साथ 54 – 64 लाख रुपए का अर्थदण्ड भी
- मीडिया कवरेज को लेकर जारी आदेश को अरविंद अवस्थी ने स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा कर निरस्त करवाया
Advertisements
Advertisements
Our Visitor







Add Comment