आरक्षण बढाये जाने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। विवाद का सबब बने छत्तीसगढ़ के पिछड़ा वर्ग आरक्षण का दायरा 27 प्रतिशत किए जाने पर सुनवाई करते हुए स्टे लगा दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा दायर याचिका में इंदिरा साहनी प्रकरण के हवाले से यह तर्क दिया गया था कि किसी भी सूरत में आरक्षण पचास प्रतिशत से अधिक नही हो सकता। चीफ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू की संयुक्त बैंच ने इस मसले पर दायर याचिका की सुनवाई की।
वहीं हाईकोर्ट के फैसले पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि माननीय न्यायालय ने 69 प्रतिशत आरक्षण को स्वीकार कर लिया है। यानी एससी और आर्थिक रुप से पिछड़े वर्ग के आरक्षण को स्वीकार कर लिया गया है। ओबीसी के आरक्षण को स्वीकार नहीं किया गया है, जिसे लेकर हम लड़ाई लड़ेंगे। हम न्यायालय में अपना पक्ष रखेंगे।
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