15 जनवरी 2020- जलवायु परिवर्तन – संयुक्त राष्ट्र के मौसम संगठन ने बुधवार को पुष्टि की है कि वर्ष 2019 रिकॉर्ड पर दूसरा सबसे ज़्यादा गर्म दर्ज किया गया है. मौसम संगठन के महासचिव पैट्टेरी ताालस ने बुधवार को कहा, “विश्व तापमान में लगभग 1.1 डिग्री सेल्सियस की औसत वृद्धि दर्ज की गई है. ये आद्योगिक काल से पहले के दौर की तुलना में है. समुद्रों की सतहों पर भी गर्मी का स्तर रिकॉर्ड पर पहुँच गया है.”
“कार्बन डाय ऑक्साइड उत्सर्जन के मौजूदा स्तर को देखते हुए हम इस सदी के अंत तक वैश्विक तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि की तरफ़ बढ़ रहे हैं.”
विश्व मौसम विज्ञान संगठन का अनुमान है कि वर्ष 2019 में वार्षिक वैश्विक वृद्धि 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई. ये 1850-1900 के दौर से भी गर्म था. इस दौर को पूर्व आद्योगिक काल कहा जाता है. सिर्फ़ वर्ष 2016 ही साल 2019 से गर्म दर्ज किया गया था. उस समय अनेक देशों में अल नीनो का प्रबल प्रभाव देखा गया था जिससे बहुत गर्मी हो गई थी और जलवायु परिवर्तन के अन्य व्यापक प्रभावों के साथ मिल कर उसने तापमान में इस हद तक वृद्धि कर दी थी. इसके अलावा पिछले पाँच और 10 वर्षों के दौरान औसत तापमान रिकॉर्ड पर सबसे ज़्यादा ही दर्ज किया गया है.
1980 के बाद से हर दशक उससे पहले के दशक की तुलना में ज़्यादा गर्म दर्ज किया गया है. यूएन मौसम संगठन का कहना है कि वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को देखते हुए ये रुझान जारी रहने की संभावना है. विश्व मौसम संगठन का कहना है कि वर्ष 2019 और बीते दशक को हिम पिघलने, रिकॉर्ड समुद्री जल स्तर, महासागरों में बढ़ती गर्मी और रसायनीकरण, चरम मौसम के लिए याद किया जाएगा जिसकी वजह से मानव स्वास्थ्य और प्राकृतिक पर्यावरण पर बहुत व्यापक प्रभाव पड़े. पैट्टेरी तालस के अनुसार इस बीच नया वर्ष 2020 भी उसी स्तर से आगे बढ़ा है जहाँ वर्ष 2019 समाप्त हुआ.
उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलिया के लिए वर्ष 2019 रिकॉर्ड पर सबसे ज़्यादा गर्म और सूखा रहा. वहाँ बहुत बड़े पैमाने पर भीषण आग लग गई जो लोगों की जान-मालस, वन्य जीवन, पारिस्थितिकी और पूरे पर्यावरण के लिए बहुत नुक़सानदेह साबित हुई.”
“दुर्भाग्य से, हम वर्ष 2020 के दौरान भी मौसम का अतिवादी चेहरा देखने की ही संभावना है, और आने वाले दशकों में, इसमें ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की वजह से और इज़ाफ़ा ही होगा.”
WMO confirms that 2019 is 2nd warmest year on record, based on consolidated data from @NASAGISS, @NOAA, @metoffice, @CopernicusECMWF and Japan Meteorological Agency https://t.co/M2TrSOKEld#StateofClimate #ClimateChange pic.twitter.com/5nplGy5I60
— WMO | OMM (@WMO) January 15, 2020
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