रायपुर। पटना-पुणे में बारिश की भयंकर तबाही से वहां के लोगों में बारिश का एेसा खौफ पैदा हो गया है कि वे बारिश नाम से ही डरने लगे हैं। पटना में लगातार पांच दिनों से घरों में आज तक बंद है। पुणे में तो सिर्फ तीन घंटे की बारिश ने पूरे पुणे में प्रलय मचा दिया। इसी तरह पटना में लगातार चार-पांच दिनों के बारिश ने वहां अभी तक की स्थिति भयावह है। लोगों को खाना नहीं मिल रहा है। शासकीय कर्मी मदद नहीं कर रहे हैं। शहर से पानी निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे भगवान की लीला कह रहे हैं। लेकिन एमरजेंसी में कोई कदम उठा नहीं पा रहे हैं। पुणे-पटना के लोगों को कहना है कि एेसी बारिश और शहर में पानी भरने का कभी अंदाजा नहीं था। रहवासियों का कहना है कि हमने पचासों सालों से एेसी बारिश नहीं देखी है।
ये तो पटना और पुणे की बात थी यही स्थिति अपने पुराने रायपुर राजधानी की भी है यहां लगातार तीन घंटे चार घंटे पानी गिरे तो रायपुर के चारों तरफ पानी भर जाएगा। आज से 30 बरस पहले रायपुर में पानी भरने की कोई स्थिति नहीं थी की शहर के चारों तरफ खुला स्थान था लेकिन आज शहर के चौतरफा बड़े-बड़े बिल्डिंग बन गए हैं। पानी निकासी का कोई रास्ता नहीं है। आज भी शहर के हृदय स्थल जयस्तंभ चौक में जमकर बारिश होती है तो पानी भर जाता है। पुणे-पटना में तो औसत से ज्यादा कम समय में बारिश हुई। राजधानी रायपुर को पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। मौसम का सीजन बदल रहा है। आज भी शहर के कई क्षेत्रों में बारिश का पानी घरों में भर जाता है। बस्तर में इस बार बारिश ने अपना विकराल रूप दिखा चुका है।
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