Chhattisgarh State

छत्तीसगढ़ देश में चौथे स्थान पर मनरेगा कार्डधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में

चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 83,436 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार
मनरेगा में लगातार अच्छे कार्यों के लिए हाल ही में भारत सरकार से मिले हैं सात पुरस्कार

रायपुर.23 दिसम्बर 2019/ छत्तीसगढ़ ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के क्रियान्वयन में एक बार फिर उत्कृष्ट कार्य का नमूना पेश किया है। चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में मनरेगा जॉब कार्डधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में छत्तीसगढ़ देश में चौथे स्थान पर है। 1 अप्रैल 2019 से 21 दिसम्बर 2019 तक पिछले नौ महीनों में प्रदेश के 83 हजार 436 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। राजस्थान, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के बाद छत्तीसगढ़ इस मामले में पूरे देश में चौथे स्थान पर है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने मनरेगा में लगातार अच्छे कार्यों के लिए विभागीय अमले को शाबाशी दी है। उन्होंने अधिकारियों-कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुए कहा है कि वे आगे भी इस योजना का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से जारी रखें ताकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर हम इसमें देश के प्रथम तीन राज्यों में अपनी जगह पक्की कर सकें। उल्लेखनीय है कि मनरेगा के विभिन्न मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अभी 19 दिसम्बर को ही केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रदेश को सात पुरस्कारों से नवाजा है।
राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा का लाभ अधिक से अधिक परिवारों तक पहुंचाने के लिए विशेष रणनीति के तहत काम किया जा रहा है। गांवों में रोजगार दिवस जैसे आयोजनों के जरिए सीधे वंचित समुदायों से काम की मांग के आवेदन लिए जा रहे हैं। मनरेगा की जिला एवं जनपद टीम द्वारा ऐसे परिवार जिन्हें 25, 50 और 75 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है, उन पर फोकस कर उन्हें 100 दिनों का काम दिलाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यों की राज्य स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग और समीक्षा कर हर जिले में ज्यादा से ज्यादा परिवारों को 100 दिनों का रोजगार मुहैया कराने पर जोर दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में मनरेगा मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में सूरजपुर जिला सबसे आगे है। वहां चालू वित्तीय वर्ष में पिछले करीब नौ महीने में नौ हजार 436 परिवारों को 100 दिवस का रोजगार दिया गया है। इस मामले में कबीरधाम सात हजार 681 परिवारों के साथ दूसरे, बिलासपुर छह हजार 789 परिवारों के साथ तीसरे, राजनांदगांव छह हजार 378 परिवारों के साथ चौथे और जशपुर जिला चार हजार 721 परिवारों के साथ पांचवें स्थान पर है।

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