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Google पर नंबर डालते ही मिलेगा घर का पता

रायपुर/ राजधानी के रहवासियों को अब घर ढूंढने में दिक्कत नहीं होगी। गूगल पर सर्च कर आसानी से अपने परिचित के घर पहुंचा जा सकेगा, क्योंकि नगर निगम राजधानी के प्रत्येक घर को एक यूनिक नंबर प्लेट देने की योजना बनाई है। नंबर प्लेट पर दिए गए यूनिक नंबर को गूगल पर सर्च करने से घर का पूरा पता आ जाएगा। इसके साथ ही क्यूआर कोड सर्च करने पर निगम को तुरंत जानकारी मिल जाएगी कि नगर निगम में लगने वाले प्रापर्टी टैक्स, जलकर और समेकित कर जमा किया है या नहीं। स्मार्ट सिटी द्वारा आचार संहिता के बाद इसका टेंडर जारी कर दिया जाएगा। स्मार्ट सिटी के अधिकारी का कहना है कि गूगल पर यूनिक नंबर सर्च करने पर जहां घर के एड्रेस की जानकारी मिल जाएगी वहीं दूसरी तरफ निगम को टैक्स के लिए घर-घर चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
स्मार्ट सिटी से मिली जानकारी के अनुसार रायपुर नगर निगम अंतर्गत करीब 15 लाख आबादी हैं, जिसमें कुल चार लाख घर हैं। इसके लिए निगम चार करोड़ रुपये का टेंडर आचार संहिता के बाद जारी करेगा। नंबर प्लेट ब्राउम कलर का होगा। इसमें वार्ड, मकान मालिक का नाम और मकान नंबर लिखा होगा। इसके साथ क्यूआर कोड रहेगा। इसके लिए मकान मालिकों को किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। टेंडर आचार संहिता के बाद खुलेगा। निगम ने करीब 20 साल पहले सर्वे करवाकर घरों को नंबर बांटे थे। अब जब नए निर्माण हुए हैं, नई कॉलोनियों का विकास हुआ है। इसके बाद नंबरिंग जरूरी हो गई है।
नए साल से होगी नंबरिंग – यूनिक नंबर प्लेट लगाने के लिए जनवरी माह में टेंडर जारी कर दिया जाएगा। नए साल से नंबरिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मकान मालिकों को नंबर प्लेट के लिए कोई खर्च वहन नहीं करना होगा। यूनिक नंबर प्लेट पूरी तरह से मुफ्त रहेगा।
क्यूआर कोड स्कैन करते ही मिलेगी जानकारी – नंबर प्लेट पर क्यूआर कोड दिया जाएगा। निगम के अधिकारी द्वारा क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद पता चल जाएगा कि टैक्स भरा गया है या नहीं। इससे टैक्स ना जमा करने वालों को तुंरत नोटिस जारी कर दी जाएगी। बकायादार टैक्स वालों की सूची की तलाश के लिए फाइल खंगालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
नए मकान बनने पर ऐसे मिलेगा क्यूआर कोड – इस सर्वे के बाद अगर नए मकान का निर्माण होता है तो उसके लिए भी विकल्प है। यदि दो मकानों के बीच नया मकान बनेगा तो पहले मकान के नंबर के बटा (आब्लिक) एक के रूप में लिखा जाएगा। मकान बनाने की स्वीकृति निगम से लेनी होगी। इसके साथ ही यूनिक नंबर जारी होगा।
राजधानी के घरों में यूनिक नंबर प्लेट लगाने की योजना बनाई जा रही है। यूनिक नंबर को गूगल से जोड़ा जाएगा। गूगल पर नंबर सर्च करने पर घर का पता मिल जाएगा। – शिव अनंत तायल, कमिश्नर, नगर निगम, रायपुर

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