छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उईके ने आज बस्तर क्षेत्र प्रथम प्रवास के दौरान दन्तेवाड़ा जिले के जावंगा स्थित सक्षम परिसर का अवलोकन किया और संस्था में अध्ययनरत जिम्मे पोयाम, सोमारू कुडि़याम, प्रियांशु, दीपिका, अनीश कुंजाम, लिंगा कुंजाम आदि दिव्यांग बच्चों से रूबरू होकर उनकी पढ़ाई तथा अन्य रचनात्मक गतिविधियों के बारे में जानकारी ली।
राज्यपाल सुश्री उईके ने दिव्यांग बच्चों को शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि इन बच्चों को नई जिंदगी जीने का अवसर देने के लिये जो ज्ञान दे रहे हैं वह बहुत बड़ा काम है। यह संस्था निश्चित रूप से दिव्यांग बच्चों की बेहतर शिक्षा सहित उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीवन जीने के लिये प्रोत्साहित कर रहा है, जो अनुकरणीय पहल है। उन्होंने दिव्यांग बच्चों को शिक्षित होने सहित जीवन पथ पर निरंतर आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी। उन्होंने सक्षम संस्था के बच्चों को राजभवन भ्रमण कराये जाने के लिये निर्देशित किया।
राज्यपाल ने दिव्यांग बच्चों के बाधारहित परिसर सक्षम संस्था के एमआर कक्ष, एचआई कक्ष तथा ब्रेल लाइब्रेरी का अवलोकन किया और बौद्धिक रूप से अक्षम, श्रवण बाधित-अस्थि बाधित बच्चों को दी जा रही शिक्षा और स्पीच थेरेपी कक्ष में ऑडियोमेट्री एवं बेरा मशीन के जरिये बच्चों के बोलने की क्षमता के सम्बंध में जानकारी ली। ब्रेल लाइब्रेरी में दृष्टि बाधित बच्ची महेश्वरी बघेल ने भारत के नक्शे पर विभिन्न राज्यों की सही पहचान कर बताया। राज्यपाल ने मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्र चौतुपारा कारली का अवलोकन कर लक्षित बच्चों और माताओं को उपलब्ध करायी जाने वाली समेकित बाल विकास सेवाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने नन्हे बच्चों को फल एवं टॉफी वितरित किया। वहीं दो गर्भवती माताओं की गोदभराई रस्म पूरी की। इसके साथ ही 6 महीने के बच्चे भूमिका और रोहित को अन्नप्रासन्न कराया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री एस.के.जायसवाल, कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा, पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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