स्वयंसेवकों को समाज के प्रति योगदान देने का अवसर: उमेश पटेल
यूनाइटेड नेशन कन्वेंशन ऑन राइट्स ऑफ चिल्ड्रन ;न्छब्त्ब्द्ध के 30 साल पूरे होने विश्व बाल दिवस कार्यक्रम आयोजित
यूनिसेफ और एन.एस.एस. राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार महासभा ;न्छब्त्ब्द्ध के गठन के 30 वर्ष पूर्ण होने पर राजधानी रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडीटोरियम में विश्व बाल दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर स्कूली और कॉलेजों के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि बच्चों से संबंधित मुद्दों की जानकारी होना वर्तमान में अतिआवश्यक है। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ और एन.एस.एस. को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे की भलाई से संबंधित महत्वपूर्ण संदेश माता-पिता और देखभाल करने वालों के साथ साझा किए जाना चाहिए। उन्होंने बच्चों को दुर्व्यवहार, उत्पीड़न और दुर्व्यवहार से बचाने के लिए बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया। स्वयंसेवकों में अपने संबंधित समुदायों में चेंजमेकर बनने की क्षमता है। यूनिसेफ से उम्मीद है कि विश्व बाल दिवस दुनियाभर के सरकारों, व्यवसायों और समुदायों से बच्चों के लिए सुनने और उन्हें प्रभावित करने वाले निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में उनकी राय को शामिल करने के लिए प्रेरित करेगा।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि एन.एस.एस. में स्वयंसेवकों को समाज के प्रति योगदान देने के लिए प्रेरित किया जाता है, यूनिसेफ के साथ साझेदारी स्वयंसेवकों के लिए छत्तीसगढ़ के बच्चों की भलाई में योगदान करने का एक अवसर है।
यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के चीफ जॉब जकरियाह ने कहा विश्व बाल दिवस हमें बच्चों को सुनने और हर बच्चे के प्रति निष्पक्ष व्यवहार और सुरक्षा के लक्ष्य के लिए प्रयास करने के हमारे कर्तव्य की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ और एन.एस.एस. स्वयंसेवकों को नए छत्तीसगढ़ में बच्चों के लिए सक्षम माहौल बनाने का प्रयास करना चाहिए। नवंबर को शानदार उत्सव में शामिल हुआ छत्तीसगढ़। उन्होंने बताया कि विश्व बाल दिवस में यूनिसेफ द्वारा युवा स्वयंसेवकों और कॉलेज के छात्रों को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा है ताकि बच्चों को उन मुद्दों पर बात करने में मदद मिल सके जो उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।
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