Chhattisgarh State

कवि मीर अली मीर ने की वन मंत्री मोहम्मद अकबर से सौजन्य मुलाकात

मंत्री ने पंडित सुन्दरलाल शर्मा सम्मान मिलने पर दी बधाई

प्रसिद्ध कवि सैय्यद अय्यूब अली मीर ने परिवहन एवं वन मंत्री मोहम्मद अकबर से सौजन्य मुलाकात की. इस अवसर पर मंत्री मोहम्मद अकबर ने मीर अली को राज्य सरकार द्वारा दिए गए पंडित सुन्दरलाल शर्मा सम्मान 2019 के लिए बधाई दी. साहित्य एवं आंचलिक साहित्य के क्षेत्र में स्थापित पंडित सुंदरलाल सम्मान से मीर अली मीर को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की वर्षगांठ पर आयोजित राज्योत्सव में 1 नवम्बर 2019 को अलंकृत किया गया था. उन्हें यह सम्मान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों प्रदान किया गया था. मंत्री अकबर से चर्चा करते हुए मीर अली मीर ने छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए राज्य शासन के द्वारा किये जा रहे कार्यो पर प्रसन्नता जताई. मंत्री अकबर से उन्होंने मांग की कि छत्तीसगढ़ी भाषा के साहित्यकारों को देश व्यापी पहचान दिलाने इन साहित्यकारों की रचनाओं का हिंदी भाषा में अनुवाद राज्य शासन द्वारा कराया जाये. मीर अली मीर पिछले कई दशकों से साहित्य विशेषकर छत्तीसगढ़ी साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय हैं. छत्तीसगढ़ी साहित्य सृजन करते हुए मीर अली मीर ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. वे छत्तीसगढ़ी संस्कृति और संस्कार को हमेशा समाज के लिए उपयोगी बनाते हुए रचनाशील है. सभी समुदाय के आयोजनो में इनकी विशेष उपस्थिति रहती है. बता दे कि राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ राज्योत्सव, 2019 के अवसर पर छत्तीसगढ़ी भाषा में रचनात्मकता के क्षेत्र में श्रेष्ठ उपलब्धि पर रायपुर के सैय्यद अय्यूब अली मीर को पंडित सुन्दरलाल शर्मा सम्मान 2019′ से सम्मानित किया है. मीर अली मीर को आंचलिक साहित्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ उपलब्धि, रचनात्मक उत्कृष्टता और दीर्घ साधना तथा विशिष्ट योगदान के लिए “पंडित सुन्दरलाल शर्मा सम्मान से सम्मानित किया गया है.
छत्तीसगढ़ में जन जागरण तथा सामाजिक क्रांति के अग्रदूत पं. सुंदरलाल शर्मा की स्मृति में यह सम्मान छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग के द्वारा साहित्य के क्षेत्र में दिया जाता है.
सैय्यद अय्यूब अली मीर की रचनाएँ..

नँदा जाही कारे ,नँदा जाही कारे ,नँदा जाही का…
कमरा अउ खुमरी ,अरई तुतारी,
अर, र,र,त,त,छो…
होत बिहिनिया पखरा के आगी,
टेड़गा हे चोंगी, टेड़गा हे पागी ,
नोई झुलय जस गर कर माला
धरे कसेली दउड़थे ग्वाला
टेड़गा लउठी ला बाखा दबाए,
बंशी के धुन मा धेनु चरइया ,नँदा जाही का …
उत्ती के बेरा संग रेंगय पाँव -पाँव
मीठ मयना कस बोली भाखा गूंजय गाँव -गाँव
रूखराई के छाँव ,चिरई चुरगुन के ठाँव,
तरिया ,नंदिया तीर गाँव गोतियारी …मोर छत्तीसगढ़ महतारी

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