Chhattisgarh

गोंडवाना साम्राज्य के राजा शंकर शाह कुंवर रघुनाथ शाह का मनाया गया शहादत दिवस, हजारों लोगों ने छत्तीसगढ में गोंडवाना सत्ता कायम करने का लिया संकल्प

कोरबा छत्तीसगढ़, दुल्लापुर पसान, 23 सितंबर 2023, गोंडवाना उदय/GCG NEWS, जिले के उतरी सरहदी जो अतीत की हिमगंगा वर्तमान हसदो नदी के तटीय हल्का में बसा गांव ग्राम दुल्लापुर में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिस कार्यक्रम में गोंडवाना साम्राज्य के गढ़ा पुरवा जबलपुर के राजा शंकर शाह पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह जिनका 166वा शहादत दिवस मनाया गया, जिस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तुलेश्वर सिंह मरकाम जी थे। जिन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह देश हमारा है इस देश के मूल मालिक आप सब हैं। जिसे सहेजना सबका कर्त्तव्य है, हमारे पूर्वजों ने इस देश की रक्षा के लिए अपने खुनो का बलिदान दिया जिसे भुलाया नहीं जा सकता। जिनके बदौलत आज हम स्वतंत्र पूर्वक जी रहे हैं। आज हमें शंकर शाह कुंवर रघुनाथ शाह जिनसे हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है। जिन्हाेंने अपने देश के लिए जीना और मरना सीखा। जो अन्याय अत्याचार से कभी समझौता नहीं किया। सुप्रीमों श्री मरकाम ने कहा, हमारे पूर्वज राजा थे जिनके हम वंशज हैं आज हमें फिर से गोंडवाना राज की ओर लौटना होगा। अब हमें अपने समाज के लोगों को राजनीतिक रुख की ओर आना होगा। वहीं राजनैतिक लक्ष्य तक पहुंचने के लिए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का निर्माण हुआ है। यह हमारा एक पीड़ा है, हमारे सीने में जो दर्द था। वही दर्द से इसका निर्माण हुआ है। पूंजी से नहीं, हमें समझना चाहिए कि हम सब इस पार्टी के जन्म दाता हैं। आज लोग इस समाज का शोषण कर रहे हैं। जिसका प्रतिकार होना चाहिए। आज भारत ही नहीं, उसके पूर्व भी यहां गोंडवाना राज था। पर इस समाज को न्याय नहीं मिला। अंतत: यह समाज राजनैतिक पार्टी बनाने के लिए मजबूर हो गया। आज यहां 50 विधायक के अड़ने पर गोंडवाना राज्य हो जायेगा। हम राजा महराजा के औलाद है चांदा गढ़ लांजी गढ़, बैरा गढ़ सभी गोंडवाना का गढ़ किला हमें याद दिलाता है। अंत में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मरकाम ने कहा कि मै समाज का बेटा हूं। दादा हीरा सिंह मरकाम जी ने एक सपना देखा था। समाज को समग्र विकास के क्षेत्र में ऊपर उठाने के लिए आपसे सहारा चाहता हूं। आने वाले दिनों में विधान सभा चुनाव होने वाला है। एक बार गोंडवाना का विधायक पाली तानाखार से बने, ऐसा आपसे आशिर्वाद चाहता हूं। इसके बाद पूरा मंच भैया तुलेश्वर सिंह मरकाम जिंदाबाद, हमारा हमारा विधायक कैसा हो तुलेश्वर सिंह भैया जैसे नारों से गूंज उठा।
जिस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ एल एस उदय सिंह जिन्होंने अपने आसंदी से कहा कि देश के इतिहास में शंकर शाह कुंवर रघुनाथ शाह जैसे महान क्रांतिकारी जिन्होंने 18 सितंबर 1857 को अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आजादी के लिए शंखनाद की योजना था। दुर्भाग्य है की राजा के अपने भेदियों ने सारा भेद अंग्रेजो को बताया। अमूमन 16 सितंबर 1857 में अंग्रेज सैनिकों ने राजा के राज महल गढ़ा पुरवा जबलपुर में हमला कर दिया, और राजा शंकर शाह पुत्र रघुनाथ शाह को गिरफ्तार किया, जिन्हें दो दिन के भीतर फांसी की सजा सुना दिया गया था। लेकिन फांसी न देकर जिन्हें क्रूरता के साथ गढ़ा पुरवा रियासत के गोंड राजवंश के राजा शंकर शाह, पुत्र कुंवर रघुनाथ मरावी पिता पुत्र को तोप के मुंहाने में बांध कर अंग्रेजो ने क्रूरता के साथ उड़ा दिया। पूरा देश दहल उठा। वहीं उनका 40 वर्षो के गोंडवाना राजवंश का इतिहास को सदैव के लिए अंत कर दिया गया। जिससे समूचा गोंडवाना रियासत सन्न हो गया। जिनके छत विछत शरीर के टुकड़े को खौलते तेल में डालकर नर्मदा नदी में फेंक दिया गया। जिनके पत्नियों को जिंदा जला दिया।जो इस सच को इतिहास को अब तक किसी इतिहासकारो ने उल्लेख नहीं किया। राजा शंकर शाह जिन्होने अपने शासन काल में मनुवादी व्यवस्था को खत्म कर दिया था। जैसे महिलाओं कपड़ा ब्लाऊज पहनने पर टैक्स देना पड़ता था। जो मनुवादियो का अमानवीय व्यवहार था। रियासतों में रैय्यत वसूली केवल एक उच्च जाति के व्यक्तियों के द्वारा वसूल कर अंग्रेजो को दिया जाता था, जिसका राजा शंकर शाह ने अपने राज्य कानून जिन्हें कमीशन मिलता था। वहीं ऊंच जाति जिसे जिन्हें हत्या या बलात्कार करने पर फांसी नहीं होता था। राजा शंकर शाह जिन्होंने सन 1822 में अपने शासन काल इन मनुवादी व्यवस्था को खत्म कर दिया था। इतिहास की मानें तो मनुवादियों ने राजा के खिलाफ बगावत कर दिया और अंग्रेजी हुकूमत में जिन्होंने अंग्रेजो को राजा के खिलाफ भड़काया। लेकिन देश के इतिहास कारों ने गोंड राजवंश के राजा शंकर शाह का 40 वर्षों का सच इतिहास अंग्रेजो से दबा गया। दुर्भाग्य है कि राजा शंकर शाह का 1822 से लेकर 1856 तक का इतिहास को किसी ने उल्लेख नहीं किया।
राष्ट्रीय महामंत्री डॉ एल एस उदय सिंह ने कहा जो समाज अपना इतिहास नहीं जानता जिसका सिर कभी ऊंचा नहीं उठता। इसलिए गोंडवाना का इतिहास को जानना होगा।
उन्होंने कहा कि सन 1326 में मुगलों द्वारा गोंडवाना पर आक्रमण हुआ। सन 1400 से 1480 तक मध्य भारत में गोंडवाना का राजा संग्राम शाह ने राज्य किया। जिनके शासन में स्वर्ण मुद्राएं चलायमान था। जिनका 52 गढ़ 57 परगना था। सन 1564 को गोंडवाना की रानी दुर्गावती मारी गई। 1636 ईस्वी में जबलपुर में गोंडवाना का गढ़ा पुरवा राज्य स्थापना हुई। 1700 ईस्वी में अंग्रेज आये। सन 1800 से 1856 में गोंडवाना पर पूरा पर्दा पड़ गया। 18 सितंबर सन 1858 को गढ़ा पुरवा रियासत का राजा शंकर शाह को तोप के सामने उड़ा दिया गया। 1947 में देश आजाद हुआ फिर 1नवंबर 1956 को राज्य बटवारा हुआ। बाहरी लोग इस देश में आक्रमण कर यहां के लोगों को गुलाम बना लिए, आजाद भारत के गुलाम नागरिक आदिवासी क्षेत्रों को चारागाह बनाया गया। सामाजिक चाहे राजनीतिक क्षेत्र हो उनके गोंडी भाषा कोयतुर साहित्यों को जला कर नष्ट कर दिया गया। वहीं आज बंदर भालू जैसे नचाया जा रहा है।
डॉ एल एस उदय सिंह ने कहा आज लड़ाई का समय है, बदला लेने का लड़ाई लड़ना है आज तक आप पालतू तीतर जैसे नाचते रहे। हमारा पैदायसी गोंडवाना राज्य था लेना होगा। आज छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की अशिक्षा और अज्ञानता सत्तारूढ भाजपा कांग्रेस पार्टी का सबसे बड़ी ताकत है जो हमारे चुनौति बन गया है। अशिक्षा का अभिशाप को समाज में मिटाना होगा।
उन्होंने कहा पहले हमारे समाज में गोंडी मिलिकियत के आधार पर गांव पटेल द्वारा एक राय होता था जिसका मुखिया माना जाता था। आज हम दुल्लापुर में आएं हैं हम सब एक राय होकर जा रहे हैं कि अगला विधान सभा पाली तानाखार का विधायक हमारा समाज का बेटा तुलेश्वर सिंह मरकाम होगा। आज से हम बड़ा देव संकल्प लेकर जा रहें हैं। इसे आज हम एक राय तय किए हैं। जो गोंडवाना के लोगों चाहे कोई भी समाज के हों हम एक हैं और रहेंगे। इस कार्यक्रम में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री गणेश सिंह मरपची, प्रदेश महासचिव कुलदीप सिंह मरकाम, राय सिंह मरकाम, पूर्व जिला पंचायत सदस्य, दीपक मरावी प्रदेश उपाध्यक्ष युवा मोर्चा, सम्भागीय अध्यक्ष पोर्ते, शिवराम मार्को ब्लाक अध्यक्ष पोंडी उपरोड़ा, जिलाध्यक्ष गिरजा शंकर कोराम, प्रताप सिंह मरकाम जनपद पंचायत सदस्य उधनापुर, विमला विजय पावले, देव मरकाम गोंडवाना छत्तीसगढ न्यूज ब्यूरो कोरबा, अजय सिंह उर्रें, फोटोकार, आर्मो, सिंगारों, दुर्गावती सुनीता मरावी, व्यवस्थापक अजित सिंह कोराम, महेश्वर सिंह उर्रे पूर्व जनपद पंचायत सदस्य सहित हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।

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