Chhattisgarh Crime

अनुसूचित क्षेत्र खडगवां में रावण दहन कर अश्लील ठुमके लगाने पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने आपत्ति जताते हुए कार्यवाही की मांग

मनेंद्रगढ़- अमूमन खडगवां जो पाँचवी अनुसूचित आदिवासी बाहुल्य इलाके में आता है। जो नवीन जिला मनेंद्रगढ़ का वर्तमान तहसील व उप खंड मुख्यालय है। जहां रावण को यह कहते हुये जला दिया गया, कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इतेफाक उसी रात कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने दीर्घा में बैठकर कर छत्तीसगढ का लोक संस्कृति के नाम पर जो अश्लील ठुमके नाच का लाभ उठाया। जैसा ठुमका शायद राजा ने भी नहीं उठाया होगा। जिन्हें रावण को जलाने के पहले सोचने की जरूरत था। तब ठुमके को लगवाये होते न समझी के कारण अब नेताओं को अपनों के बीच कलह का शिकार होना पड़ रहा है। उक्त बातें गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ एल एस उदय ने एक वक्तव्य में कहा है। आदिवासी इलाके जहां भारतीय संविधान की पांचवी अनुसूची की अनुच्छेद 244 (1) जहां आदिवासी जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण की उपबंध लागू है। जहां संविधान की (सातवां संशोधन) अधिनियम 1956की धारा 29 के तहत जहां पर संसद या राज्य विधान मंडल का कोई विशिष्ट अधिनियम लागू नहीं होता। ऐसे इलाकों में लोक नृत्य के नाम पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने जो अश्लील ठुमके लगवाये गये। जिससे आदिवासियो की संस्कृति और परम्पराएं आहत हुई है। बात साफ है कि विना पारम्परिक ग्राम सभा के प्रस्ताव के बिना जो ठुमके का कार्यक्रम हुआ है, जो सवैधानिक नहीं था। हम मांग करते हैं कि इस ठुमके नाच की जांच हो, और जिम्मेदारों पर वैधानिक कार्यवाही हो। जिन्होनें अनुसूचित क्षेत्रों मे जो ऐसे अश्लील नृत्यों को सार्वजनिक रुप से प्रदर्शित करवाया है जो यहाँ के आदिवासियो की रूढ़िजन्य संस्कृति और परम्परा को प्रभावित किया है। जो भारतीय संविधान की अनुच्छेद की धारा 13(3)(क) के रूढ़िजन्य आदि वासियों की लोक परम्पराएं को प्रभावित किया है। हम आपति दर्ज करते हैं और प्रशासन से मांग करते हैं, कि दोषी तत्वों पर अजा जजा के तहत कड़ी से कड़ी कार्यवाही किया जावे। और आदिवासियो की संस्कृति और परम्परा को बचाई जावे।

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