Crime

दामिनी, वेदना, अलीशा, अलशिफा और अब अंकिता, आखिर कब रुकेगा यह रेपिस्ट का सिलसिला

*हरित मित्र परिवार एम्बेसडर अंजुम क़ादरी

*और कितनी गंदगी तुम फैलाओगे

*बाज़ आजाओ वरना धोखा खाओगे

*ना आओगे बाज़ तो बहुत पछताओगे

*पटवारी के जैसे तुम भी सलाखों के पीछे नज़र आओगे

*ये कानून बना सभी के लिए समान है

*इसका उल्लंघन तुम ना कर पाओगे

अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में एसआईटी ने पटवारी वैभव प्रताप को गिरफ्तार किया। पटवारी वैभव प्रताप शुरू से ही उल्टे सीधे कार्य करते आ रहे हैं। और अंकिता भंडारी हत्याकांड में एसआईटी के सवालों का सही से जवाब नहीं दे पाए। इस मामले में शुरू से ही पटवारी की भूमिका संदिग्ध मिलने पर उसे गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले उसे इस कांड में लापरवाही बरतने पर सस्पेंड कर दिया गया था। सीएम पुष्कर सिंह धामी जी के आदेश के बाद इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है। और रेणुका देवी एसआईटी टीम का नेतृत्व कर रही हैं। ऐसी संभावना है कि ज़ल्दी कुछ और लोग भी अरेस्ट किए जाएंगे। अंकिता भंडारी मर्डर केस में अभी तक की जांच में यह बात सामने आई। अंकिता के पिता जब सबसे पहले राजस्व पुलिस व्यवस्था के स्थानीय पटवारी और रेवेन्यू इंस्पेक्टर वैभव प्रताप सिंह के पास गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे तो उनकी सुनवाई नहीं हुई। और ना ही कोई उनकी रिपोर्ट दर्ज की गई। आखिर अंकिता की लाश मिलने से बहुत सारे राज़ सबके सम्मुख आ गए।
नि:शब्द! क्षुब्ध और अत्यधिक व्यथित हैं सुनने वाले कि… वनन्त्रा रिजॉर्ट में कार्यरत 19 वर्षीय अबोध बिटिया अंकिता भण्डारी दरिन्दों की दरिन्दगी की भेंट चढ़ गई। उत्तराखण्ड का दुर्भाग्य कि हमने अपनी एक और बेटी को खो दिया।
पूर्व दायित्वधारी राज्यमन्त्री का कुपुत्र पुलकित आर्य और उसके दो अन्य साथी “अंकिता हत्याकाण्ड” के राक्षस गिरफ्तार हो चुके हैं और जिला जेल में निरुद्ध हैं, पर- बता दें कि अंकिता हत्याकांड प्रकरण में जांच के मध्य सामने आया है। कि जिस रात अंकिता की हत्या हुई थी उसके अगले दिन सुबह मुख्य आरोपी पुलकित आर्य जाकर पटवारी वैभव प्रताप से मिला था। शुक्रवार को यह अफवाह फैली कि वैभव को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन यह सूचना गलत निकली। सूत्रों के अनुसार 18 सितंबर को अंकिता, पुलकित, सौरव, अंकित के साथ रिजॉर्ट से तकरीबन 8:00 बजे निकली थी। 8:30 बजे चीला बैराज से चारों ने बैराज के बैरियर को पार किया था। लेकिन 9:00 बजे बैराज से वापस तीन लोग लौटे लौटते हुए बैरियर पर दिखाई दिए। उत्तराखंड की एसआईटी uksssc भर्ती घोटाले से लेकर अब अंकिता भंडारी मर्डर केस तक अपनी अग्नि परीक्षा में सफलता दिखी है प्रथम दृष्टा पटवारी वैभव प्रताप गुनाहगारों से मिला हुआ था। आज एसआईटी ने अभिरक्षा में लेकर सिद्ध कर दिया कि प्रकरण को उलझाने में नहीं अपितु सुलझाने में तेजी से कार्य कर रही है। बता दें कि कल ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष अंकिता भंडारी के पिता ने अपना दुखड़ा सुनाया था। जिससे कि पुष्कर सिंह धामी जी के कड़े आदेश पर ही पटवारी वैभव प्रताप से और पुलकित आर्य हत्यारोपी से आमने-सामने सवाल जवाब होंगे।
ऐसे दरिंदों को जनता को सौंप देना चाहिए।
कठोरता पूर्वक रिजॉर्ट का विगत इतिहास भी खंगाला जाए।
पटवारी को निलम्बित तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया और गिरफ्तार कर उससे भी कठोरता पूर्वक हत्याकाण्ड की छानबीन की जा रही है कुछ और चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंँगे।
अधिवक्ताओं से मानवीय निवेदन है कि वे ऐसा कुकृत्य करने वाले हत्यारों की पैरवी शिथिलता पूर्वक ही करें, ताकि मृत्यु दण्ड की सजा सुगमता से मिल सके।
अखिल भारतीय उत्तराखण्ड महासभा {पंजी.} भारत, मान्य न्यायालय से हत्यारों को मृत्युदण्ड की माँग करती है तथा जनाक्रोश के कारण असहज हुई विधायक यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र श्रीमती रेणु बिष्ट जी, विधानसभा अध्यक्षा ऋतु खण्डूड़ी ‘भूषण’ जी से प्रबलापेक्षी है कि वे बेटी के परिवार को न्याय दिलवाने की पूरी-पूरी कोशिश करें
पारस्परिक संवाद के माध्यम से पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व दिवंगत बिटिया अंकिता को अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धाञ्जलि अर्पित करने वाले तथा हत्यारों के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त करने वालों में महासभा के संरक्षक महंत योगी राकेश नाथ जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चन्द्रदत्त जोशी {गुरुग्राम हरियाणा}, लखनऊ से संस्थापक अध्यक्ष श्री भवान सिंह रावत, संस्थापक महासचिव पं. मनमोहन दुदपुड़ी, श्री विनोद घनशेला मध्यप्रदेश, श्री राजेन्द्र घिल्डियाल बरेली, राजस्थान से श्री शंकर सिंह पटवाल, श्री जीवन सिंह तड़ागी, श्री दीपक पाण्डेय, श्री राजेन्द्र सिंह तड़ागी रिखे , बीना बिष्ट, छत्तीसगढ़ से श्री प्रेमचन्द जिमिवाल, श्री रघुवीर सिंह कालागढ़,राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्री अशोक असवाल, कुमाऊँ मण्डल प्रभारी अंजुम क़ादरी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री एम.एम. बिष्ट, हरियाणा प्रान्तीय अध्यक्ष श्री हरिसिंह बिष्ट, श्री विजेन्द्र ध्यानी, डॉ. अनिल जखमोला, गुजरात से डॉ. घनानन्द जल्दी, दिल्ली से श्री जयसिंह रावत, श्री गजेन्द्र सिंह चौहान, पंजाब प्रधान श्री देवेन्द्र रावत, श्री महावीर सिंह पुण्डीर, श्री अमन जोशी {राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष}, श्री विजय सिंह रावत, सुमन रावत, मुम्बई से श्री दयाराम सती, श्री महावीर प्रसाद पैन्यूली, श्री धर्मानन्द रतूड़ी, श्री विजय कमल नैथानी,उत्तराखण्ड से श्री प्रवीण पुरोहित, श्री शशिभूषण अमोली, श्री विकास देवरानी, श्रीमती अनीता दुदपुड़ी, लखनऊ से श्रीमती शशि जोशी, श्रीमती राधा बिष्ट, मुरादाबाद से श्री धनसिंह फर्सवाण,श्री विकास ममगाँई, श्रीमती जसोदा बुड़ाकोटी, श्री प्रवीण थापा आदि के मध्य संवादोपरान्त निर्णय लिया गया।

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