छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री रामकुमार सिन्हा ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र दिये गये वादा को अमल में लाने के लिये विभिन्न संगठनों के मांग पर परिक्षण करने एवं निर्णय लेने हेतु प्रमुख सचिव छ. ग. शासन वाणिज्य एवं उधोग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग कि अध्यक्षता में समिति गठित किया गया है, उक्त समिति ने विधि एवं विधाय़ी विभाग से परामर्श व अभिमत चाहा है, विधि विभाग ने भी अंतिम अभिमत हेतु उच्च न्यायालय बिलासपुर महाधिवक्ता के पास भेजा दिया गया है, छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी के प्रदेश पदाधिकारीयों ने महाधिवक्ता से मिलने गया था, जहां पता चला कि अभी तक अभिमत प्रदाय करने के संबंध में कोई निर्णय नही लिया गया है,
माननीय मुख्यमंत्री जी के अंतिम विचारों पर अपनी अभिमत दी जायेगी, जब सारे अधिकार माननीय मुख्यमंत्री महोदय के उपर है तो दुनिया भर गोल गोल घूमाने से कोई मतलब नही है, मुख्यमंत्री महोदय छत्तीसगढ़ीया दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हित में सार्थक निर्णय लें और घोषणा करें, यह जो जानकारी समिति द्वारा जो चाही जा रही है केवल औपचारिकता के लिये है! औपचारिक्ता वश जानकारी मांग मांगकर हमारे भावनाओं के साथ न खेलें विगत दो सालों से केवल शांत करने के लिये जानकारी चाही जा रही है किन्तु इस बात को संगठन समझ चुका है, जानकारी मांग में स्पष्ट वर्ष उल्लेख क्यों नही किया जा रहा है कौन से कौन से अवधि तक का लिया जाना है! सीधी भर्ती पर रोक लगाते हुये,दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों / श्रमिकों को समायोजन करें।
Add Comment