शेख वली उल्लाह की कलम से
मोहम्मद सुलेमान का सपना अपने पिता के सपने को पूरा करना। पिता मोहम्मद पीर का सपना अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स की दुनिया में भारतीय तिरंगा झंडा का फ्लैग मार्च करते हुए अंतरराष्ट्रीय खेल मंच में सम्मान… मोहम्मद सुलेमान जिनकी उम्र महज 18 वर्ष लेकिन तन मन में खिलाड़ियों का जुनून जोश ना थकना ना रुकने वाले कदम भाग मिल्खा भाग के प्रेरणा स्रोत मैराथन खेल के इतिहास में धीरे-धीरे अपनी नाम और छवि को बुलंदियों की ओर ले जाते हुए। यह कहानी है मोहम्मद सुलेमान की जिनके पिता पूर्व मैराथन एथलेटिक्स राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर एक्सलिटिक्स खेल जगत में हिस्सा लिया है। पेशे से मेहनत मजदूरी कर अपने सपने को अपने बच्चे के माध्यम से पूरा करने का जोश जुनून जो उनको सुबह 5:00 बजे उठा उठाकर पिता और पुत्र दोनों 10 किलोमीटर 15 किलोमीटर का प्रतिदिन रनिंग करते हैं। मोहम्मद सुलेमान जिला स्तरीय, संभाग स्तरीय व राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय स्तर मैराथन खेल जगत में अपना उत्कृष्ट परफॉर्मेंस लगातार देते आ रहे हैं। अभी तक वह 37 ट्रॉफी, 70 मेडल और लगभग 80 सर्टिफिकेट से सम्मानित हो चुके हैं सितंबर 2020 से फरवरी 2021 से लगातार मात्र 6 महीनों में लगभग क्षेत्रीय स्तरीय मैराथन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान व 9 मैराथन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किए हैं रतनपुर में हुए मैराथन प्रतियोगिता में भी उन्होंने छत्तीसगढ़ के स्टेट प्रथम खिलाड़ी को बीट करते हुए प्रथम स्थान अर्जित किए अभी तक उन्होंने अनगिनत मैराथन प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जिसमें मुख्य रुप से उन्होंने 05 राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अर्जित किए। एवं राष्ट्रीय स्तर में 06 स्थान अर्जित किए। उन्होंने यह जानकारी दी मुझे राष्ट्रीय स्तर का उतना ज्ञान नहीं था फिर मैंने अपने रनिंग क्षमता एवं तकनीक में परिवर्तन किया। राष्ट्रीय स्तर के लिए 5 किलोमीटर मैराथन दौड़ का मानक समय 15 मिनट रहता है। एवं अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक्स में 5 किलोमीटर रनिंग के लिए मानक समय सीमा लगभग 13.30 मिनट प्रवेश हेतु अहर्ता है। उसके लिए अपनी लगातार रनिंग में निखार लाने के लिए वह स्वयं 5 किलोमीटर रनिंग के लिए 14 से 15 मिनट का समय लेते हैं। उनका मानना है मैं जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स मानक समय सीमा प्रवेश अहर्ता हेतु 12 से 13 मिनट के अंदर पूरी करने के लिए मेहनत जारी है। उनका सपना बिलासपुर रेलवे जोन के तरफ से एथलेटिक्स की दुनिया में खेलना और बिलासपुर रेलवे जोन का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर में भारतीय तिरंगा के साथ फ्लैग मार्च करना है। मोहम्मद सुलेमान हर जीत के बाद यही कहते हैं आंधियों को जिद है, जहां बिजलियां गिराने की मुझे भी जिद है वहां आशियां बसाने की हिम्मत और हौसले बुलंद है खड़ा हूं अभी गिरा नहीं और मैं हारा नहीं हूं अभी पूरी जग बाकी है जीतने के लिए इनकी बातें इनकी सोच यही सारांश देती है मानव जीवन अमूल्य है बहुमूल्य है हम जीने के लिए नहीं जीतने के लिए पैदा हुए हैं।
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